
परिचय :
बलराम अग्रवाल
जन्म : 26 नवम्बर 1952 को उत्तर प्रदेश (भारत) के जिला बुलन्दशहर में ।
शिक्षा : पीएच. डी. (हिंदी), अनुवाद में स्नातकोत्तर डिप्लोमा।
पुस्तकें : कथा साहित्य—सरसों के फूल, जुबैदा, चन्ना चरनदास, खुले पंजों वाली चील, पीले पंखों वाली तितलियाँ, तैरती हैं पत्तियाँ, काले दिन, बड़ी कथाएँ तथा सूली ऊपर सेज। बालसाहित्य—दूसरा भीम, ग्यारह अभिनेय बाल एकांकी, आधुनिक बाल नाटक, अकबर को नौ रत्न, भारत रत्न विजेता, सचित्र वाल्मीकि रामायण। आलोचना— हिन्दी लघुकथा का मनोविज्ञान, परिंदों के दरमियां, लघुकथा का प्रबल पक्ष, लघुकथा चिंतन-अनुचिंतन, कथा काल और प्रवृतियाँ, लघुकथा का साहित्य दर्शन, उत्तराखंड।
अनुवाद व पुनर्लेखन : अण्डमान व निकोवार की लोककथाएँ, करोड़पति भिखारी, खलील जिब्रान, अनेक विदेशी कहानियों का अंग्रेजी से अनुवाद, सम्पूर्ण वाल्मीकि रामायण।
संपादन : मलयालम की चर्चित लघुकथाएँ, तेलुगु की मानक लघुकथाएँ, तथा समकालीन लघुकथा और प्रेमचंद (आलोचना)। वरिष्ठ कथाकारों की चर्चित कहानियों के 26 संकलन। ‘वर्तमान जनगाथा’ का वर्ष 1993 से 1996 तक प्रकाशन संपादन। अनेक पत्रिकाओं के लघुकथा विशेषांकों का अतिथि संपादन।
विशेष : लघुकथा संग्रह ‘जुबैदा’ पर वर्ष 2006 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, हरियाणा से तथा 2020 में उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, दक्षिण भारत हिन्दी प्रसार सभा, मद्रास से ‘तैरती है पत्तियाँ पर एम॰ फिल॰ किया गया। 2022 में पं॰ रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर छतीसगढ़ से सुश्री चन्द्रेश द्वारा ‘बलराम अग्रवाल की लघुकथाओं में अभिव्यक्त सामाजिक सरोकार’ विषय पर पी-एच॰ डी॰।
केरल शिक्षा विभाग द्वारा एक बाल एकांकी कक्षा 7 के पाठ्यक्रम में, हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा एक बाल एकांकी कक्षा 4 के पाठ्यक्रम में, मधुबन बुक्स, मुम्बई द्वारा शिक्षण संस्थाओं के लिए तैयार पाठ्यपुस्तक माला ‘गुंजन’ में कक्षा 6 के लिए बाल एकांकी ‘सूरज का इंतजार’ को ऑक्सफोर्ड एडवांटेज हिन्दी साहित्य माला-3 में, वर्ष 2017-18 से काव्य नाटिका ‘नहीं रहेंगे अगर जंगल’ को तथा लीड संपूर्ण हिंदी फुल बुक सोल्यूशन योजना में ‘लालच की सजा’ को सम्मिलित किया गया ।
संपर्क : मोबाइल : 8826499115
ई-मेल : balram.agarwal1152@gmail.com