
छायावादी कवि कुंवर चंद्रप्रकाश सिंह के स्मृति में संगोष्ठी का आयोजन
हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली एवं अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति भारत द्वारा दिनांक 14 अक्तूबर 2024 को छायावाद के प्रतिष्ठित राष्ट्रवादी साहित्यकार कुँवर चन्द्रप्रकाश सिंह ‘स्मृति दिवस’ में राष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। “कुँवर चन्द्रप्रकाश सिंह: जीवन और साहित्य” विषयक इस आयोजन में देश के प्रतिष्ठित विद्वानों ने अपनी बात रखी। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि माननीय श्री सुधांशु त्रिवेदी, संसद सदस्य राज्यसभा ने कुंवर जी के साहित्य को राष्ट्रीय चेतना का साहित्य कहा और बताया कि कुंवर जी के साहित्य को छायावाद से जोड़ना छायावाद की उपलब्धि है। सुधांशु जी ने कहा कुंवर जी का साहित्य भारतीयता बोध और भारतीय ज्ञान संपदा का का संवर्धन करने वाला साहित्य है। अध्यक्षता कर रहे प्रो. सत्यकेतु सांकृत, डीन अकादमिक अफेयर, डॉ बी. आर. अम्बेडकर वि. वि., दिल्ली ने कुंवर जी को छायावाद के साथ नई कविता का भी प्रमुख साहित्यकार बताता। अपने बीज वक्तव्य में प्रो. शिवमोहन सिंह, महामंत्री अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति ने कुंवर जी को हिंदी साहित्य के छायावाद का प्रतिनिधि साहित्यकार बताते हुए कहा कि आलोचकों ने उनके साथ न्याय नहीं किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. रमा, प्राचार्या, हंसराज कॉलेज, दिल्ली ने कुंवर चंद्रप्रकाश जी को भारतीय संस्कृति और राष्ट्रवाद का प्रतिनिधि लेखन कहा।

संगोष्ठी में श्री दत्तात्रय मुरुमकर, प्रो. सुशील कुमार शर्मा, डॉ. रवि प्रकाश सिंह, कुँवर जी के ज्येष्ठ पुत्र एवं संस्थापक संरक्षक, अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति भारत, डॉ. रामकठिन सिंह, अध्यक्ष, अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति भारत, दिलीप कुमार मेहरा, डॉ. सत्यपाल शर्मा, डॉ. माधुरी यादव डॉ. अलका पाण्डेय, डॉ. चंदना, डॉ. मंजुला यादव आदि ने अपने वक्तव्य में कुंवर चंद्रप्रकाश जी के साहित्य को राष्ट्रवादी चेतना और सांस्कृतिक बोध का साहित्य कहकर संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. महेन्द्र प्रजापति और डॉ. रवि कुमार गोंड़, हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली ने किया। आयोजन में कुंवर जी पर केंद्रित संपादित 3 पुस्तकों का लोकार्पण भी हुआ।