‘योग’ से संदेश प्रेषित करता गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज

विकसित भारत और हर घर ध्यान पहल के अंतर्गत श्री गुरु नानक देव खालसा कॉलेज के तत्वाधान में योग सत्र का आयोजन किया गया, जिसका विषय था “शरीर और आत्मा के लिए योग”। इस सत्र में विशेष अतिथि और प्रशिक्षक के रूप में सुश्री अरिजिता मुखर्जी (योग विशेषज्ञ) सम्मिलित हुईं।

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के स्वागत के साथ हुआ, जिसमें प्रतिभागियों को अपने साथ योगा मैट या चादर लाने के लिए प्रोत्साहित किया गया ताकि वे योगाभ्यास में सहजता से भाग ले सकें। सुश्री अरिजिता मुखर्जी ने योग के शारीरिक और मानसिक लाभों पर जोर दिया और तनाव प्रबंधन, ध्यान केंद्रित करने और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए सरल और प्रभावी योगासन सिखाए। उन्होंने समझाया कि योग न केवल शरीर को लचीला और मजबूत बनाता है, बल्कि मानसिक स्पष्टता और आंतरिक शांति प्राप्त करने में भी मदद करता है।

सत्र के दौरान, उन्होंने योग के गहरे लाभों और इसके दैनिक जीवन में महत्व पर विस्तार से चर्चा की। प्रतिभागियों को यह भी बताया गया कि किस प्रकार योग जीवन को संतुलित और स्वस्थ बनाने में सहायक हो सकता है।

विशेष रूप से, सुश्री अरिजिता मुखर्जी ने यह समझाया कि योग केवल एक शारीरिक अभ्यास नहीं है, बल्कि यह एक संपूर्ण जीवनशैली है, जो हमें मानसिक संतुलन और आंतरिक शांति प्राप्त करने में मदद करती है। नियमित योगाभ्यास जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए मानसिक शक्ति और धैर्य प्रदान करता है।

सत्र के बाद सभी प्रतिभागियों ने हल्के नाश्ते का आनंद लिया।

इस कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन डॉ. नेहा अत्री (विकसित भारत 2047 की नोडल अधिकारी, श्री गुरु नानक देव खालसा कॉलेज) द्वारा किया गया, जिन्होंने इसके संयोजन और समन्वय की जिम्मेदारी संभाली।


रिपोर्ट- नेहा अत्री