भगवान चित्रगुप्त पूजन के अवसर पर आयोजित काव्योत्सव

3 नवंबर  सायं 5:00 बजे दिल्ली99 सोसाइटी के एम्फीथियेटर में काव्योत्सव का आयोजन भगवान चित्रगुप्त की पूजा के अवसर पर किया गया था, जिसमें दिल्ली/ ग़ाज़ियाबाद के प्रमुख कवियों और साहित्यकारों ने भाग लिया। इस आयोजन का उद्देश्य भगवान चित्रगुप्त की महिमा को प्रदर्शित करना और साहित्य के माध्यम से उनकी पूजा करना था। जिसका आरंभ भगवान चित्रगुप्त की स्तुति और पूजन से हुआ। इस दिन कायस्थ परिवार के लोग अपने इष्ट देव की पूजा के साथ कलम पूजा भी करते हैं। ऐसी मान्यता है कि मर्यादापुरुषोत्तम श्री रामचंद्र के राजतिलक में भगवान चित्रगुप्त जी के निमंत्रण में भूल हो जाने के कारण चित्रगुप्त महाराज ने अपनी लेखनी को रख दिया था। जिससे सृष्टि असंतुलित हो गयी थी, महर्षि वशिष्ठ के क्षमा-याचना और पूजन के पश्चात कार्तिक शुक्ल द्वितीया को अपना कार्यभार पुनः प्रारंभ किया। तभी से चित्रांश परिवार इस दिन कलम-पूजन के साथ भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं।

कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत अंशिका श्रीवास्तव ने माँ वीणावादिनी की वंदना से की, तदुपरांत काव्य पाठ प्रारंभ हुआ, जिसमें श्री कार्तिकेय भारद्वाज, श्री अनिल राज, श्री सर्वेश रस्तोगी, श्री प्रणय प्रसून, डॉ० राजेश श्रीवास्तव ‘राज’ श्री बृजेश तरुवर, सुश्री पूजा श्रीवास्तव, श्री अजय मिश्र, श्री विनयशील चतुर्वेदी, डॉ० उषा श्रीवास्तव, श्री अरविंद पथिक ने काव्य पाठ किया। जिसमें सोसाइटी और आस पास के लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कवि श्री अरविंद पथिक ने और संचालन मनोज श्रीवास्तव ‘अनाम’  ने किया। समस्त कवियों एवं श्रोताओं के प्रति श्री नीरज सिन्हा जी ने आभार प्रकट कर काव्योत्सव की सफलता के लिए आयोजकों को बधाई दी।

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