
केन्या के प्रतिष्ठित सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत
13 नवंबर, 2024 को, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद (एआरएसपी) के डायस्पोरा रिसर्च एंड रिसोर्स सेंटर (डीआरआरसी) ने नई दिल्ली के प्रवासी भवन में केन्या के एक प्रतिष्ठित सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ महत्त्वपूर्ण एवं सार्थक बातचीत की मेजबानी की।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केन्या सरकार के प्रवासी मामलों के राज्य विभाग की प्रधान सचिव महामहिम सुश्री रोज़लीन कथुरे न्जोगु (Ms. Roseline Kathure Njogu) ने किया। केन्या टीम में प्रमुख अधिकारी शामिल थे : श्री बोनिफेस के. मुन्ज़ाला (Mr. Boniface K. Munzala, Director of Investments and Remittances), निवेश और प्रेषण निदेशक; सुश्री एम्मा गिचेहा, कल्याण और अधिकार निदेशक (Ms. Emma Gicheha, Director of Welfare and Rights); श्री विलियम मौंडू, वरिष्ठ अर्थशास्त्री (Mr. William Maundu, Senior Economist); श्री मीसाशी लेदामा, तृतीय सचिव (Mr. Meisashi Ledama, Third Secretary); श्री फिलिप ओपवोरा, तृतीय सचिव; और सुश्री शुकरी आब्दी सिरात, तृतीय सचिव (Ms. Shukri Abdi Sirat, Third Secretary)। उनके साथ भारत में केन्या के उच्चायुक्त महामहिम श्री मुनियरी मैना पीटर (Mr. Munyiri Maina Peter, High Commissioner of Kenya to India) और नई दिल्ली में केन्याई उच्चायोग के अन्य अधिकारी भी थे।

संवाद का नेतृत्व अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद और डायस्पोरा रिसर्च एंड रिसोर्स सेंटर के पदाधिकारियों ने किया। अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के सचिव प्रो. गोपाल अरोड़ा, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के उपाध्यक्ष श्री संजय भल्ला, डायस्पोरा रिसर्च एंड रिसोर्स सेंटर के संस्थापक अध्यक्ष एम्बे. अनूप मुद्गल, डायस्पोरा रिसर्च एंड रिसोर्स सेंटर के संयोजक श्री नारायण कुमार, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के संयुक्त सचिव श्री अमित गुप्ता और वैश्विक हिंदी परिवार के अध्यक्ष श्री अनिल जोशी ने अपने विचार व्यक्त किए।

सत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद और डायस्पोरा रिसर्च एंड रिसोर्स सेंटर की पहलों का व्यापक अवलोकन प्रदान किया गया— जिसमें भारतीय प्रवासियों का एक डेटाबेस बनाने के प्रयास, अनुसंधान और भारत सरकार के साथ इसके सहयोगात्मक कार्य शामिल थे। केन्याई प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न स्तरों पर अपने प्रवासियों के साथ जुड़ने के लिए अपने अनुभव और रणनीतियों को साझा किया- निवेश, कल्याण और संस्कृति में अपने प्रयासों पर प्रकाश डाला। खुले सत्र में विचारों का जीवंत आदान-प्रदान हुआ। यह बातचीत विशेष रूप से प्रवासी डेटाबेस के निर्माण की चुनौतियों और तरीकों के बारे में केन्द्रित रही।




– धर्म प्रकाश