Category: रेणुका शर्मा

इन्द्रधनुषी लहर – (कविता)

इन्द्रधनुषी लहर सुदूर देश की पुरवाई सेआख़िर आ ही जाती है,मन की धानी परतों की इन्द्रधनुषी लहर . . .होली, दिवाली के रंगों औरदीयों में बिखरती –झिलमिलातीसुनहरी खनक सबको सुनाने।…

पिता का दिल – (कविता)

पिता का दिल मज़बूत शरीर है यह जो दिखताअंदर मेरे भी है –कोमल सा दिल, मेरा अपना। है धुँधली सी, पर हैं गहरी यादें,देखा है छुप-छुपचुपके से आँसू पोंछते। भारी…

बसंत आया था – (कविता)

बसंत आया था बसंत आया था . . .बसंत-ऋतु का जादू भरमाती,प्रकृति इतराती, निखारती रूपजगत में करती उमंग-बहार का पसेरा।चकित हो देखा, अजान मानुस है बेख़बर,बन मशीनी पुतला,जी रहा है…

ये पत्ते – (कविता)

ये पत्ते अभी कल ही तो ये पत्ते शाख से जुड़े,एक प्राण, एक मन,एक जीव हो फले–फूले,अपने चरम उत्कर्ष की –ललक लिए जीए, अपनी पूर्णता से।आज पीली चादर में परिणित,शाख…

रेणुका शर्मा – (परिचय)

रेणुका शर्मा जन्म-स्थान: अजमेर, राजस्थान, भारत वर्तमान निवास: सास्काटून (सास्केच्वान) कैनेडा शिक्षा: स्नातकोत्तर, (हिंदी), एम. फि ल., पीएच.डी,.पी.जी. डिप्लोमा मासकम्युनिकेशन (राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर), सीनियर रिसर्च एसोशिएट मुंबई विश्वविद्यालय। कस्टमर एंड…

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