Category: श्रीनाथ द्विवेदी

परछाइयाँ – (कविता)

परछाइयाँ शाम से ही नाराज़ हैं अब हमसफ़र परछाइयाँ।कर रहीं कब से शिकायत मुँह लगी तन्हाइयाँ॥ जाने कब से तप रहा है विवशता का आसमाँ।और अब पंखा झले हैं भाग्य…

मंज़िलें हैं रास्ते हैं औ आप हैं – (कविता)

मंज़िलें हैं रास्ते हैं औ आप हैं तय नहीं कर पा रहे जायें किधरमंज़िलें हैं, रास्ते हैं, आप हैं। सफ़र की तैयारियाँ कब से शुरू,याद हमको कुछ नहीं आता अभी।हमवतन…

रिमझिम बरसे बदरा – (कविता)

रिमझिम बरसे बदरा रिमझिम बरस बदरा भीगा है तनतेरी प्रिय यादों में भीगे मेरा मन।सर्पीली रातेंमायावी दिनशबनमी शिकवेछेड़े हर छिनसावन बुझा ना पाया मेरी ये तपन। वीरानी चाहतसपने अनगिनसूना जग…

शब्दों के सिपाही – (कविता)

शब्दों के सिपाही शब्दों के सिपाही बसएक युद्ध और अभी। शांति और मानवता कोराजनीति ने ग्रसाधर्म का पुरोधा भीअर्थ-स्वार्थ में धँसाप्रेम के बढ़ावे काएक चरण और अभी। संकट, विपदाओं कोकन्धों…

श्रीनाथ द्विवेदी – (परिचय)

श्रीनाथ द्विवेदी जन्म-स्थान: बिंदकी कस्बा, उत्तर प्रदेश निवास: सरी, ब्रिटिश कोलंबिया शिक्षा: अँग्रेज़ी साहित्य, हिंदी साहित्य तथा पोलिटिकल साइंस, इन तीन विषयों में एम.ए. लेखन-विधाएँ: कैनेडा के एक प्रसिद्ध कवि…

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