दादा जी
स्मृति के तारों की झंकार के तीव्र स्वरों में एक स्वर अत्यन्त स्पष्टता से मुखरित हो रहा है। वह स्वर अत्यन्त पुराना तो है पर चितपरिचित भी। वह स्वर है…
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स्मृति के तारों की झंकार के तीव्र स्वरों में एक स्वर अत्यन्त स्पष्टता से मुखरित हो रहा है। वह स्वर अत्यन्त पुराना तो है पर चितपरिचित भी। वह स्वर है…
जन्म-स्थान : कोलकाता, पश्चिम बंगाल। निवास : टोरोंटो (ओंटारियो) शिक्षा : बी.ए.(हिन्दी ऑनर्स) कोलकाता; ग्रेजुएशन रायर्सन यूनिवर्सिटी (एकाउंटिंग) प्रकाशन : कही अनकही (काव्य संग्रह) २०११, ’हिन्दी संवाद’, ’हिन्दी चेतना’, साहित्यकुंज…