Category: प्रवासी साहित्य

रावण (कविता)

दसग्रीव दशानन् दसकंधर कहलाता थाजब रावण चलता सारा जग हिल जाता थावो था पंडित-विद्वान और था बलशालीउसके सन्मुख देवों का जी थर्राता था रावण ने सोने की लंका बनवाई थीतीनों…

हिंदी दिवस – (कविता)

अर्चना ***** हिंदी दिवस हिंदी शब्द सुन तरंगित हो उठे मन मेराकलम भी आतुर कुछ लिखने कोभारत भूमि से कोसों दूरएकत्रित हम यहाँदेने को सम्मानअपनी मातृभाषा कोक्यों ना इतराओं मैंइस…

रिश्ते – (कविता)

अर्चना ***** रिश्ते रिश्तों का अस्तित्व क्या है ? क्या समझ पाया है कोई ?बड़े बेमानी से लगते हैं ये रिश्ते क्या फूल से नाज़ुक या छुइमुई से हैं ?…

सच्चा साथी – (कविता)

अर्चना ***** सच्चा साथी इंसान हूँ इस्तेमाल हेतु कोई वस्तु नहींसीढ़ी बना अपनी मंज़िल पाना,सभी का शौक़ रहा।हर रिश्ते को बहुत ईमानदारी से निभाया,पर हर बार छली गई।भीड़नुमा रिश्तों के…

मेरी माँ – (कविता)

अर्चना ***** मेरी माँ ममता का सागर,मेरी प्यारी माँ।ज्ञान सरस्वती तुल्य है,सभी ग्रंथ है कंठस्थ,ज्ञान की खान है,मेरी प्यारी माँ….करुणा बुद्ध तुल्यजन्म जाति से परेअमीर हो या ग़रीबसब के दुःख…

रावण – (कविता)

मनीष पाण्डेय ‘मनु’ ***** रावण दसग्रीव दशानन् दसकंधर कहलाता थाजब रावण चलता सारा जग हिल जाता थावो था पंडित-विद्वान और था बलशालीउसके सन्मुख देवों का जी थर्राता था रावण ने…

यादगार एक्सप्रैस – (डायरी)

यादों की यादगार की कुछ यादें विजय विक्रान्त भारत छोड़े हुए एक लम्बा अरसा हो गया है। कैसे ज़िन्दगी का एक बहुत बड़ा हिस्सा यहाँ कैनेडा में गुज़ार दिया, इसका…

कैनेडा की पुलिस – (संस्मरण)

कैनेडा की पुलिस विजय विक्रान्त, कनाडा 25 फ़रवरी,1965 को, परिवार सहित, हम ने कैनेडा को अपनी कर्मभूमि स्वीकार किया। पार्टियों में या अनौपचारिक रूप में जब कभी भी मित्र मण्डली…

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर – (आलेख)

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर डॉ अरुणा अजितसरिया एम बी ई, लंदन 23 सितम्बर सन 1908 को पराधीन भारत के एक साधारण कृषक परिवार में जन्मे रामधारी सिंह दिनकर ने गाँव…

टोटम पोल – (कविता)

धर्मपाल महेंद्र जैन ***** टोटम पोल जो छोड़कर चले गए स्मृतियाँवे वापस आयेंगे कभी तोयहाँ नहीं तो कहीं दूरदक्षिण के समंदर तट परया पूरब की पहाड़ी के बीहड़ मेंया कहीं…

राजा – (कविता)

धर्मपाल महेंद्र जैन ***** राजा राजा युद्ध की बात करते हैंयुद्ध लड़ते नहीं अब, भेजते हैंफ़ौजी, टैंकें, मिसाइलें और आयुधवे मोर्चे पर जाते नहीं अब।राजा युद्ध में मरते नहीं अब।…

पेड़ – (कविता)

पेड़ ***** धर्मपाल महेंद्र जैन खड़े हैं दो-तीन सदियों सेपेड़ घने जंगल में।यहाँ पेड़ों से बात करना सरल हैउन्हें मालूम है चप्पा-चप्पाजहाँ तक फैलती है उनकी छाँह। वे जानते हैं…

ग़ुस्सैल हवा – (कविता)

धर्मपाल महेंद्र जैन ***** ग़ुस्सैल हवा हवा ऐसी नहीं थी कभीकि सरपट दौड़ने लगे धरती परवायुयान-सी तेज़अंधी हो जाए और ज़मींदोज कर जायेयौवन से भरे पेड़उड़ा ले जाए घरों की…

मेरे भीतर कितने ‘मैं’ हैं – (कविता)

धर्मपाल महेंद्र जैन ***** मेरे भीतर कितने ‘मैं’ हैं मेरे भीतर कितने ‘मैं’ हैं जाने-अनजाने।कितने ‘मैं’ नए, किंतु कुछ बहुत पुराने। एक मैं हूँ बच्चा बचपन का।एक मैं हूँ ज्ञानवान…

सफेद बत्तखें – (कहानी)

सफेद बत्तखें हंसा दीप मेरी पत्नी बहुत कम बोलती है। मैं उसकी चुप्पी का आदी हूँ। उसकी आँखों की पुतलियाँ मुझे उसकी हर बात समझा देती हैं। जब दोनों आँखें…

टूक-टूक कलेजा – (कहानी)

टूक-टूक कलेजा हंसा दीप सामान का आखिरी कनस्तर ट्रक में जा चुका था। बच्चों को अपने सामान से भरे ट्रक के साथ निकलने की जल्दी थी। वे अपनी गाड़ी में…

अमर्त्य – (कहानी)

अमर्त्य हंसा दीप बीज और दरख़्त के फासलों को रौंदने में कामयाब नोआ की निगाहें अपनी सोच में वह सब देख लेतीं जो वह देखना चाहती थी। एक-एक शब्द को…

बाल कहानी संकलन ‘डोडो और अन्य कहानियाँ’ – (पुस्तक परिचय)

डॉ. राज शेखर द्वारा रचित कहानी संकलन ‘डोडो और अन्य कहानियाँ’ राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत सरकार (उच्चतर शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय) द्वारा प्रकाशित की गई है। राष्ट्रीय बाल पुस्तकालय के…

मां – (कविता)

लक्ष्मी जयपोल ***** मां मां विश्व हैमां संसार हैमां ब्राह्माण्ड हैमां विश्वकोश हैमां महासागर है। मां हमारा जीवन की पूजा हैमां हमारी शक्ति हैमां हमारा सम्मान हैमां हमारी पहचान हैमां…

भावना – (कविता)

लक्ष्मी जयपोल भावना भावना एक जस्बात् है।भावना एक एहसास है।भावना दिल की कशिश है। भावना एक पूरी दूनिया है।भावना एक महासागर है।भावना सकारात्मकता एवं नकारात्मकता का मेल है।भावना का जागरण…

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