सिंगल मदर से सुपरमदर – (कहानी)
सिंगल मदर से सुपरमदर -अर्चना पैन्यूली “हर एक कथाकार की हर रचना की कोई प्रेरणा होती है। इस पुस्तक के लिए प्रेरणादायक कौन है?” टीना ने मुझसे पूछा तो मैं…
हिंदी का वैश्विक मंच
सिंगल मदर से सुपरमदर -अर्चना पैन्यूली “हर एक कथाकार की हर रचना की कोई प्रेरणा होती है। इस पुस्तक के लिए प्रेरणादायक कौन है?” टीना ने मुझसे पूछा तो मैं…
कबूतरी, थारो कबूतर गूटर-गूटर-गू बोल्यो रे… (कितनी माँएं हैं मेरी) –अर्चना पैन्यूली गूटर गू… गूटर–गू…। वह उसे छेड़ रहा है…। इन दिनों उसकी गर्दन, सिर और छाती पर आकर्षक पंख…
क्या लिखूँ आप पर… (हिंदी के मूर्धन्य साहित्यकार डॉ. कमल किशोर गोयनका पर आधारित अर्चना पैन्यूली का संस्मरण) अर्चना पैन्यूली डॉ. कमल किशोर गोयनका के कृतित्व के संबंध में कुछ…
डॉ शिप्रा शिल्पी आज के आपाधापी युग में मन खोखले हो रहे हैं उन्हें प्रेम से भरिए, नफरतें अजाब है, जहर भी बचा कर रखे अपने सोने से मन को…
19 जून, 2025 को संगीत दिवस 2025 के उपलक्ष्य में विश्व हिंदी सचिवालय द्वारा आयोजित ‘अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी : हिंदी गीत एवं गज़ल’ कार्यक्रम में वैश्विक हिन्दीशाला संस्थान (विहस_VHSS), यूरोप की…
‘अंतरराष्ट्रीय हिन्दी संगठन नीदरलैंड’ के मासिक साहित्य कार्यक्रम ‘लेखक की कहानी लेखक की ज़ुबानी’- जिसमें लेखकों से साक्षात्कार करने व उनकी रचनाएँ व कहानी उनकी ही ज़ुबानी सुनने को मिलती…
–डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन यक्ष प्रश्न चढ़ गया एक और प्यासाआत्महन्तासीढ़ियां रचकर शवों कीललकतापीने सुनहरास्वर्ग का मृगजल।अभी मुंह रक्त पी खारा हुआ थाहाथ हत्या से रंगेबदले हुए थे बोटियों मेंऔर…
– डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन नीराजना दीप बुझता-सा लिएमैं खोजता हूंचिर मुंदा अनजान ओझल द्वारजिसके पारस्रोत आपन्न अपरंपारबस ज्योतिष्मती निर्द्वन्द्व धारा बह रही हैकाल-द्रुम के स्वर्णपल्लवएक बंदनवार में आविद्धमस्तक पर…
डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन शोर के गढ़ शोर के गढ़ बन गए सब ओरजिनमें शब्द अर्थों से छुड़ाकरकैद कर रखे उन्होंनेपास जिनके आदमी अपनेबने नक्कारखाने।लेखनी का शील करके भंगवे फहरा…
डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन अधर का पुल अधर में रखा है एक पुलन इधर कोई किनारा है उसकान उधर।दिशाओं से ऊपरआर या पार ले जाने की प्रतिबद्धता से मुक्तशून्य को…
डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन खंडित मुकुर मैं पड़ा खंडित मुकुर-साआपकी नजरों से गिरकरधूल मेंअब रूप कितने देखताप्रतिबिम्ब कितने दे रहा हूं।आप चतुरानन दशानन या शताननरूप जितने भी बनातेमैं उन्हें शत-शतमुखीगंदले…
डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन एक और आत्मसमर्पण खोलकर डोरी धनुष कीऔर निज तूणीरतीखी वेदनाओं से भरामैं डालता हूंआज फिर हथियार मन के स्वर्णलता के बिछाए जाल सेअब तीर अपने आप…
संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदी शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का समावेश: एक समग्र विश्लेषण डॉ. राकेश कुमार, कार्मेल, इंडिआना, संयुक्त राज्य अमेरिका प्रस्तावना हिंदी, एक प्रमुख भारतीय भाषा, जो वैश्विक…
वैश्विक युग में हिंदी भाषा: एक नई दिशा की ओर डॉ. राकेश कुमार, कार्मेल, इंडियाना, अमेरिका, प्रस्तावनाहिंदी भाषा भारत के भाषाई परिप्रेक्ष्य में एक प्रमुख स्थान रखती है और इसे…
डॉ. राकेश कुमार डॉ. राकेश कुमार का जन्म उत्तर प्रदेश के मनकापुर में हुआ। उन्होंने 1991 में गोरखपुर विश्वविद्यालय से ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त की और उसके…
– सुयोग गर्ग, तोक्यो, जापान अब घर आ जा आधी रात, सून सन्नाटा और पापा का कॉलजागे हुए हैं तेरी फ़िक्र में, अब घर आ जा मन मौज़कड़कती धूप, झुलसती…
लोकतांत्रिक जनादेश और दक्षिण कोरिया – संजय कुमार, पत्रकार, कोरिया हेराल्ड दक्षिण कोरिया ने हाल ही में एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण राष्ट्रपति चुनाव के माध्यम से अपने लोकतांत्रिक विकास की एक…
मूल कविता – खोसे लुईस मोरांते मूल कविता – खोसे लुईस मोरांते दूर देश (दूर देश की यात्रा से लौटे इरेने और खावियर के लिए) मैं स्वप्न में कल्पना करता…
मूल कविता – खोसे लुईस मोरांते मूल कविता – खोसे लुईस मोरांते कुछ शिकारी कुछ शिकारीतन के घर्षण सेउपजे निशान तलाश रहे हैं साथ ही चबा रहे हैंकुछ मीठे बेरऔर…
मूल कविता – खोसे लुईस मोरांते स्पेनिश से सीधे हिंदी अनुवाद – पूजा अनिल स्वप्न सिद्धांत पूर्ण हो चुके सारे स्वप्न अपरिपक्व हैं।जिसकी निःशब्द उपस्थितिसंदेह उपजाती हैकि कल तक जो…