मंजु श्रीवास्तव ‘मन’ की बाल कविताएँ – (बाल कविता)
छछुंदर और बंदर एक छछुंदर भोली भाली,दिखती थी थोड़ी सी काली।नाम छछुंदर का था झुमरी,चुक चुक कर गाती थी ठुमरी।एक था बन्दर,नाम था जन्तर,खाये कुल्हाटी मस्त कलंदर।खौं खौं खौं खौं…
हिंदी का वैश्विक मंच
छछुंदर और बंदर एक छछुंदर भोली भाली,दिखती थी थोड़ी सी काली।नाम छछुंदर का था झुमरी,चुक चुक कर गाती थी ठुमरी।एक था बन्दर,नाम था जन्तर,खाये कुल्हाटी मस्त कलंदर।खौं खौं खौं खौं…
मंजु श्रीवास्तव ‘मन’ वरिष्ठ साहित्यकारवर्जीनिया, अमेरिका42300 Mad Turkey Run place,ChantillyVirginia,USA