
हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ –
हनुमान जी के पिता का नाम केसरी था और आध्यात्मिक पिता पवनदेव थे।
हनुमान जी के छोटे भाइयों के नाम मतिमान, श्रुतिमान, गतिमान, केतुमान, और धृतिमान थे।
हनुमान जी का एक पुत्र था जिसका नाम मकरध्वज था।
हनुमान जी ने सूर्यदेव से वेदों का ज्ञान हासिल किया था।
हनुमान जी के माता-पिता ने उन्हें सूर्यदेव के पास शिक्षा लेने के लिए भेजा।
सूर्यदेव ने हनुमान जी को शिक्षा देने में टालमटोल किया।
सूर्यदेव ने कहा कि वह एक जगह रुककर नहीं रहते और न ही रथ से उतरते हैं।
हनुमान जी ने कहा कि सूर्यदेव बिना अपनी गति कम किए ही उन्हें शास्त्रों का ज्ञान देते जाएं।
सूर्यदेव इस बात के लिए तैयार हो गए और वेद आदि शास्त्रों का ज्ञान बोलते जाते और हनुमान जी उसे ग्रहण करते जाते।
– अनीता वर्मा
