बिहार फाउंडेशन नीदरलैंड्स द्वारा नीदरलैंड के शहर ऐम्स्टेल्फ़ेन में पहली बार ‘भव्य भोजपुरी फूड एंड कल्चरल फेस्टिवल 2025’ का आयोजन

इस उत्सव का आरंभ बचचों की गणेश वंदना के साथ नीदरलैंड में भारत के राजदूत आदरणीय कुमार तुहीन जी के करकमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत बिहार फाउंडेशन नीदरलैंड से दर्शन राज आशुतोष जी ने अपनी कविता ‘हमारा प्यारा बिहार’ से हुई । 

बिहार फाउंडेशन नीदरलैंड्स द्वारा 29 जून 2025 को एम्स्टलवीन में भोजपुरी फूड एंड कल्चरल फेस्टिवल 2025 का रंगारंग आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य विदेश में रह रहे भारतीय व सूरीनामी भारतीय प्रवासी भारतीयों के समुदाय, विशेषकर बच्चों को अपनी संस्कृति व पारंपरिक लोककलाओं से जोड़ने के साथ-साथ डच समाज को भारतीय संस्कृति से अवगत कराना था। 

कार्यक्रम में झारखंड, उत्तर प्रदेश तथा  प्रमुखता बिहार के पारंपरिक लोकगीतों और संगीतमय बैंड प्रस्तुति, वाल्मिकी रामायण प्रसंग पर आधारित नाट्य मंचन, मिथिला का प्रसिद्ध झिझिया लोक गीत बच्चों द्वारा समाचकवा नृत्य का अद्भुत प्रदर्शन और गीत-संगीत एवं नृत्य कार्यक्रम विशेष आकर्षण रहे। इस अवसर पर हिंदुस्तानी  सूरीनामी प्रवासी भारतीय समुदाय ने जो मुल निवासी बिहार से ताल्लुक़ रखते हैं, ने भी बढ़ के हिस्सा लिया, उनके द्वारा बिहार लोक संगीत बैठक गाने की सुंदर प्रस्तुति हुई। बड़े और बच्चों ने पूरे उत्साह और जोश के साथ हिस्सा लिया और अपनी संस्कृति से जुड़ाव का शानदार परिचय दिया।

कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि एवं नीदरलैंड्स में भारत के राजदूत श्री कुमार तुहिन ने बच्चों और आयोजकों का उत्साहवर्धन किया तथा समाज के इस प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि विदेश में रहकर भारतीय संस्कृति को जीवंत बनाए रखना अत्यंत सराहनीय है। इस अवसर पर बच्चों और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।

फेस्टिवल में लगे भारतीय परिधानों, हिन्दी पुस्तकों मधुबनी चित्रकला  और विविध पारंपरिक व्यंजनों ने भी सभी का ध्यान आकर्षित किया और पूरे माहौल को एक ‘नीदरलैंड में एक छोटे भारत’ का स्वरूप दिया।

यह आयोजन नीदरलैंड्स में बसे भारतीयों के लिए अपनी जड़ों से जोड़ने और नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराने का एक प्रेरक मंच बना।

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