
जर्मनी से डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना एवं नीदरलैंड से विश्वास दुबे ने किया संयोजन
15 जुलाई, 2025
विश्व के प्रथम लेखक गांव की स्थापना करने वाले पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सुप्रसिद्ध जनप्रिय राजनेता, साहित्यकार, शिक्षाविद माननीय डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक जी के जन्मदिवस के अवसर पर जर्मनी की सुविख्यात शिक्षाविद, साहित्यकार एवं मीडिया प्रोफेशनल डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना द्वारा उनकी संस्था

सृजनी ग्लोबल, वैश्विक भाषा, कला एवं संस्कृति संगठन (GLAC_ Europe), वैश्विक हिन्दीशाला संस्थान (विहस VHSS) यूरोप एवं हिमालय विरासत ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में शुभकामनाओं से सजी अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन हाइब्रिड गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर भारत से वैश्विक हिन्दी परिवार के निदेशक श्री अनिल शर्मा जी, बॉलीवुड के सुप्रसिद्ध गीतकार एवं मिट्टी लोक चैनल के निदेशक विनोद दुबे जी, प्रज्ञान विश्वम पत्रिका के संपादक पंडित सुरेश नीरव जी, प्रसिद्ध हास्य व्यंग्य कार विनोद पांडे, जय शंकर यादव जी, इटावा टाइम्स के संपादक अतुल वी एन चतुर्वेदी, प्रो. पुनीत बिसारिया जी, डॉ अंजू वेद जी, नमिता राकेश जी , ऋतु माथुर जी, डॉ राधा बिष्ट, कुसुम चौहान जी, प्रिय राय जी , पीयूष गोयल जी, अश्विनी जी, डॉ नीरज भारद्वाज जी, अरुण पाठक जी, डॉ राहुल देव जी, मुनमुन जी की उपस्थित रही।

वही प्रवासी रचनाकारों में ब्रिटेन से प्रसिद्ध कथाकार तेजेंद्र शर्मा, कनाडा से हिंदी राइटर्स गिल्ड की संस्थापक शैलजा सक्सेना, चीन से शिक्षाविद डॉ विवेक मनी त्रिपाठी, बेल्जियम से प्रसिद्ध कवि एवं गज़लकार कपिल कुमार, नीदरलैंड से सुप्रसिद्ध कवि एवं GLAC Europe के संस्थापक सदस्य श्री विश्वास दुबे एवं कवयित्री ऋतु ननन पांडे जी, उज़्बेकिस्तान से प्रो उल्फत महिबोवा, अमेरिका से सृजन की संस्थापिका मंजू श्रीवास्तव, बुल्गारिया से सुश्री कंचन शर्मा, ऑस्ट्रेलिया से आस्ट्रेलियांचल पत्रिका की संपादक डॉ भावना कुंवर, प्रगीत कुंअर एवं सिंगापुर, नार्वे, जापान, ओमान, यू ए ई, कतर, सूरीनाम, आयरलैंड आदि देशों के प्रबुद्ध विद्वानों ने गीत, मुक्तक, कविता एवं भावपूर्ण शब्दों के माध्यम से आदरणीय निशंक जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए एवं उनके साथ अपने अनुभवों को साझा किया साथ ही जन्मदिन पर शुभकामनाएं प्रेषित की।
कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ शिप्रा शिल्पी, डॉ वेद प्रकाश वत्स ( किरोड़ीमल कॉलेज नई दिल्ली) एवं आशना नेगी (निदेशक, हिमालय विरासत ट्रस्ट) ने किया।
कार्यक्रम का आरंभ जर्मनी से डॉ शिप्रा शिल्पी ने संस्कृत में “सुदिनम सुदिनम्” गीत गाकर डॉ निशंक जी को जन्मदिन की मंगल कामना देने के साथ किया। उन्होंने कहा डॉ निशंक की उत्तराखंड के छोटे से गांव पिलानी से संसद तक यात्रा जीवन संघर्षों एवं सफलताओं का एक ऐसा महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो युगों युगों तक आने वाली पीढ़ियों का मार्ग दर्शन करेगा एवं उनका साहित्य हौसला बनकर हर मुश्किल से बाहर निकलने की राह प्रशस्त कर रहा है और भविष्य में भी करता रहेगा। डॉ निशंक का संपूर्ण व्यक्तिव अनुकरणीय है, वो एक दूरदर्शी है जिसका प्रभाव हमें विश्व के प्रथम लेखक गांव के रूप में देखने को मिल रहा है।

श्री अनिल जोशी ने निशंक जी की जीवन यात्रा पर अपने आलेख का उल्लेख करते हुए उनके जीवन के विविध पहलुओं से दर्शकों को बहुत सुन्दर एवं सार्थक शब्दों में अवगत कराया एवं उनके स्वस्थ जीवन की मंगल कामना की। श्री तेजेंद्र शर्मा, कपिल कुमार, डॉ शैलजा सक्सेना, डॉ विवेक, विश्वास दुबे, डॉ शिप्रा आदि प्रवासी रचनाकारों ने जहां एक ओर निशंक जी की आत्मीयता, अकलुषित मन एवं स्नेहिल व्यक्तिव के विषय में अपने मन के भाव कहे वही, लेखक गांव के अविस्मरणीय अनुभवों को दर्शकों से साझा भी किया।
आमंत्रित गणमान्य अतिथियों ने निशंक जी के आरोग्य पूर्ण जीवन की कामना की। बॉलीवुड के प्रसिद्ध गीतकार श्री विनोद दुबे ने निशंक जी के गीतों “भारत के लाल अब झूम झूम गाओ रे“को स्वरबद्ध करके उसे अपनी मधुर आवाज में ढपली पर सुनाकर सबका मन मोह लिया।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में आदरणीय निशंक जी ने कहा आप सब के स्नेह से मैं भाव विभोर हूं, आपकी मंगलकामनाएं एवं प्रेम ही मेरे जीवन की पूंजी है। हम सब इसी प्रकार मिलकर अकलुषित मन से सकारात्मक ऊर्जा के साथ समाज , देश और विश्व के लिए कुछ सार्थक कार्य निरंतर करते रहेंगे। विश्व का प्रथम लेखक गांव उसका प्रारंभ है। आज के आयोजन से जुड़ने एवं अपने स्नेहाशीष से मुझे सराबोर करने के लिए आप सभी का आभार।

कार्यक्रम के अंत में डॉ वेद प्रकाश एवं आशना नेगी ने निशंक के रचना संसार कार्यकम एवं आगामी योजनाओं पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का समापन सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ बेचैन कांडियाल जी ने निशंक जी के जन्मदिन के अवसर पर आयोजित रक्तदान शिविर, वृक्षारोपण , अन्य अनेक गतिविधियों एवं कार्यक्रमों की रिपोर्ट प्रस्तुत करके किया। उन्होंने इस विशेष अवसर पर देश विदेश से उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों को धन्यवाद दिया। साथ ही सितंबर में लेखक गांव आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय समारोह मे सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित भी दिया।
रिपोर्ट- डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना 🇩🇪