स्वर्ण नगरी बैंकॉक में  अंतर्राष्ट्रीय  सम्मान में  नवाजा गया 51 भारतीय  हिन्दी शिक्षकों,  अंतर्राष्ट्रीय देवनागरी सम्मान और  बुद्धा विश्व शांति सम्मान से जिसमें 20 अन्य देशों की विभूतियों को भी मिला बुद्धा इंटरनेशनल अवॉर्ड 2025

इस पाँच  दिवसीय यात्रा में  उन  विभूतियों  को चुना गया  जिन्होंने  हिंदी को विश्व पटल  तक पहुंचाने में अपना विशिष्ट  योगदान दिया था l

25 विभूतियों की ताजपोशी करके उनकी उपलब्धियों के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया l

22 शिक्षाविदों को शिक्षा के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान के लिए अंतर्राष्ट्रीय संस्थान से मानद डॉक्टर सम्मान से सम्मानित किया गया l

डॉ  सुनील दुबे की पुस्तक ‘शब्द से संहार’ के  विमोचन के  साथ डॉ सौरभ  पांडे  के  ऊपर  लिखीं  गयी 9 पुस्तकों का  विमोचन के साथ डॉ विदिशा पावर के  पुस्तक के  विमोचन के साथ डॉ विनय के साथ डॉ  संजय  चोपड़ा, कल्पना जी  के साथ  कई पुस्तकों का  विमोचन किया गया l

देवनागरी उत्थान फाउंडेशन की  पहली अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका  ‘संवाद‘ को  विश्व पटल पर समर्पित किया गया।

कार्यक्रम के अतिथि के रूप में प्रिंस डय़ूक महाराजा जेनरल दत्तक डॉ जेसूवह चाऊजू, इंडोनेशिया ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, मुख्य अतिथि के रूप में हीज रॉयल मज़ेस्टी किंग जनरल ग्रांड मास्टर प्रोफेसर दातो सीरि डॉ सोमफांद राठौपटाया राजा  इंडोनेशिया के  हाथों से  सम्मानित होकर गौरवांवित हुए, अति विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ माउंरेड्डी शिक्षा विभाग, लीगल अफेयर, प्रधान मंत्री  सलाहकार थाइलैंड ने उपस्थिति देकर  कार्यक्रम का  गौरव बढ़ायाl इन सभी लोगों के साथ धर्म गुरु माउंक के आशीर्वाद से  कार्यक्रम सफल हुआ l डॉक्टर सिंह ने अपनी उपस्थिति देकर अनुगृहित किया, थाइलैंड हिन्दी परिषद के  प्रमुख  श्री सुशील कुमार  धनुका जी  और पूर्व हिंदू धर्म सभा  के सचिव श्री राम  कृष्ण  मिश्र के आगमन  ने  कार्यक्रम  चार  चांद लगा  दिया lप्रवासी भारतीय पवन मिश्रा जी, अत्यंत सम्मानीय प्रेम जी कीर्तन त्रिपाठी,  विजय तिवारी जी, शिखा अजय रस्तोगी, चाचा  जी की गरिमामय उपस्थिति से  आयोजन सफल हुआ l

जिसके लिए  धारा धाम इंटरनेशन के संस्थापक  डॉ  सौरभ  पंडे एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, गिल्ट फाउंडेशन के मिस एशिया   डॉ  पूजा शैलेन्द्र  निगम, ग्लोबल यूनिवर्सिटी यू. के.  के साथ आयोजक डॉ  सुनील  दुबे संस्थापक देवनागरी उत्थान  फाउंडेशन,  भारत के  सौजन्य से हम  कह सकते हैं कि  यह एक  संस्कृतिक, आध्यात्मिक,  शैक्षणिक, अद्भुत और अविस्मरणीय सम्मान  समारोह  और यात्रा रही l

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