नई दिल्ली। 3 सितंबर 2025; साहित्य अकादेमी द्वारा आज साहित्य मंच का आयोजन किया गया जिसमें चार लेखकों ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। तीन रचनाकारों श्रीविलास सिंह, मृदुला प्रधान, आशमा कौल ने जहाँ अपनी कविताएँ सुनाईं, वहीं नरेंद्र नागदेव ने अपनी कहानी का पाठ किया। श्रीविलास सिंह की कविताओं के शीर्षक थे – बख़्तियार खिलजी की बीवियाँ, विज्ञापन, घर, ईश्वर से, बदले हुए नाम का शहर एवं देह। इसके बाद उन्होंने एक ग़ज़ल भी प्रस्तुत की। उनकी कविताओं में वर्तमान समय की विडंबनाओं के बीच  जहाँ एक ओर ईश्वर से बदलने की अपील थी तो घर को याद करती वह स्मृतियाँ भी थी जो कहीं भी रहते हुए अपने मन में घर को बसाए रखती हैं। मृदुला प्रधान और आशमा कौल की कविताओं में भी ऐसी स्मृतियाँ थी जो उनके बचपन और नए बनते शहरों में अपने को तलाशने की ख्वाहिश लिए हुईं थी। वरिष्ठ कथाकार नरेंद्र नागदेव ने अपनी कहानी लिस्ट प्रस्तुत की, जिसमें एक व्यक्ति एक ऐसी लिस्ट में वर्षों से अपना नाम तलाश रहा है जो उसे एक नए और सुंदर जीवन जीने की दिलासा दे सके। इस कहानी की बहुत सुंदर और भावपूर्ण प्रस्तुति ने सभी उपस्थित पाठकों को रोमांचित किया। कार्यक्रम में कई वरिष्ठ कवि एवं कथाकार उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अकादेमी के उपसचिव देवेंद्र कुमार देवेश ने किया।

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