
तीस वर्ष से साहित्य को समर्पित संस्था “अभिव्यक्ति” प्रति माह किसी एक पुस्तक पर चर्चा आयोजित करती है। इस माह की गोष्ठी 18 सितंबर के दिन श्रीमती प्रवीणा जैन जी के निवास पर रखी गई थी। धर्मवीर भारती के ‘बंद गली का आख़िरी मकान’ कहानी संग्रह पर परिचर्चा के लिए वन्दना यादव एवं विशाल पांडेय जी को आमंत्रित किया गया।
हर बार की तरह पहले प्रार्थना और फिर मेहमानों के स्वागत से कार्यक्रम की शुरूआत हुई। रेखा जैन जी ने सूत्रधार की भूमिका बहुत जीवंतता के साथ निभाई। वन्दना यादव और विशाल पांडेय जी ने बारी-बारी से कहानियों पर अपने विचार रखे। अभिव्यक्ति की ओर से प्रभा जाजू एवं रेखा जैन जी ने कहानियों पर विस्तार से अपनी बात रखी। अभिव्यक्ति की अधिकांश सदस्य पुस्तक पढ़कर आई थीं इसीलिए सवाल-जवाब का सत्र और बातचीत बहुत जानदार रही। स्वादिष्ट भोजन के साथ गोष्टी संपन्न हुई।
