अनु बाफना

एम्.एस. एन.एन.आई. (मुंबई) एम्.बी.ए, एम्.ए. हिंदी बी.एड, सर्टिफाइड ट्रेनर,

आठ वर्षों तक नैरोबी (केन्या) में निवास कर गत ढाई वर्षों से दुबई में आ बसी हैं। ई.एस.एल नामक कंपनी की डायरेक्टर अनु सर्टिफाइड ट्रेनर-कंसलटेंट हैं।

उनकी लेखनी प्रायः सभी विधाओं में और हिंदी व अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में चलती है। प्रायः छंदों में लिखती हैं और अब तक करीब ७० छंदों में सृजन कर चुकी हैं। इनकी रचनाएं कादम्बिनी में प्रकाशित होती रही है।

एक कहानी संग्रह और एक कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। अनु करीब ३० साझा संकलनों का हिस्सा रहीं हैं। देश-विदेश की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं एवं साहित्यिक संकलनों, अखबारों, मासिक पत्रिकाओं में उनकी रचनाएँ निरंतर प्रकाशित होती रही हैं। आकाशवाणी—भारत, कनाडा एवं केन्या से भी रचनाएँ प्रसारित, दूरदर्शन—भारत, केन्या व यू.ए.ई. से रचनाएं प्रसारित। भारत, केन्या, अबू धाबी, शारजाह, बहरीन व दुबई के मंचों पर काव्यपाठ व संचालन। दुबई में ओपन माइक पर भी काव्यपाठ व संचालन में सक्रियता। भारत, केन्या एवं यू.ए.ई. में सांस्कृतिक व धार्मिक कार्यक्रमों का संचालन।

कई देशों के भारतीय दूतावास द्वारा सम्मानित। अपनी प्रथम कहानी के लिए १५ वर्ष की आयु में तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा सम्मानित। तत्पश्चात अपनी कहानियों व लेखों के लिए आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा सम्मानित। विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं, सांस्कृतिक संस्थाओं एवं अन्य द्वारा सम्मानित।

आप ‘अनन्य यू.ए.ई.’ की सह-सम्पादिका भी हैं। गृहस्वामिनी, दुबई की ग्लोबल एम्बेसेडर, वनकाम यू.ए.ई की अध्यक्षा, अंतरराष्ट्रीय काव्य मंच यू.ए.ई  की अध्यक्षा तथा वागीश अंतरराष्ट्रीय संस्था की संस्थापक अध्यक्षा हैं। प्रेक्षा ध्यान व बॉक्स ब्रीथिंग की ट्रैन्ड प्रशिक्षिका भी हैं। अनुवाद का कार्य भी करती हैं। पत्रिका के लिए व जैन आगमों के अनुवाद की परियोजना पर कार्यरत हैं। ये बहुत सुरीली गायिका व शालीन नर्तकी भी हैं। इसके अलावा चित्रकारी में भी रुचि है। इनके चित्र केन्या, साउथ अफ़्रीका, जर्मनी, फ्रांस, थाईलैंड, लंदन, दुबई व अन्य देशों में पाए जाते हैं।

ईमेल – anubafna@gmail.com

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