Category: आलेख

श्रीलाल शुक्ल की व्यंग्य दृष्टि: संदर्भ ‘अंगद का पांव’ – (आलेख)

श्रीलाल शुक्ल की व्यंग्य दृष्टि: संदर्भ ‘अंगद का पांव’ डॉ ज्ञान प्रकाश विजिटिंग प्रोफेसर, हंगुक यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज, सियोल, दक्षिण कोरिया श्रीलाल शुक्ल स्वातंत्र्योत्तर भारतीय यथार्थ के सतर्क और…

थाईलैंड – माई नाम – (ब्लॉग)

थाईलैंड – माई नाम शिखा रस्तोगी, बैंकॉक,थाईलैंड नदियों के महत्व को मनुष्य अच्छी तरह से जानता है। थाई भाषा में, माई नाम नदी के लिए एक सामान्य शब्द है, जिसमें…

भारतीय विज्ञापन जगत के सरताज : पीयूष पांडे – (श्रद्धांजलि)

पीयूष पांडे डॉ. रेखा सेठी (2012 में मेरी एक पुस्तक आई थी, ‘विज्ञापन डॉट कॉम’। इसका एक अंश विज्ञापन जगत की प्रमुख हस्तियों, प्रमुख विज्ञापन एजेंसियों और विशिष्ट विज्ञापनों पर…

हिंदी और डच : विकसित होता आपसी संवाद – (ब्लॉग)

हिंदी और डच : विकसित होता आपसी संवाद रामा तक्षक, नीदरलैंड्स वर्ष 2019, नीदरलैंड्स में भारतीय राजदूत श्री वेणु राजामणि द्वारा एक पुस्तक लिखी गई थी। यह पुस्तक अंग्रेजी भाषा…

उत्तर भारत में मराठी पत्रकारिता के जनक : र. वि. शिरढोणकर – (आलेख)

उत्तर भारत में मराठी पत्रकारिता के जनक : र. वि. शिरढोणकर अलकनन्दा साने जिस कालखंड में बाल गंगाधर तिलक, विष्णु शास्त्री चिपळूनकर जैसे दिग्गज पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत थे,…

हिन्दी आलोचना के आधार स्तंभ : आचार्य रामचंद्र शुक्ल – (आलेख)

आचार्य रामचंद्र शुक्ल अमरनाथ बस्ती (उ.प्र.) जिले के ‘अगोना’ नामक गांव में जन्म लेने वाले, मात्र हाई स्कूल तक की औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने वाले और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में…

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर – (आलेख)

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर डॉ अरुणा अजितसरिया एम बी ई, लंदन 23 सितम्बर सन 1908 को पराधीन भारत के एक साधारण कृषक परिवार में जन्मे रामधारी सिंह दिनकर ने गाँव…

शिक्षक, भाषा और भविष्य – (आलेख)

शिक्षक, भाषा और भविष्य डॉ. रवि शर्मा मधुप, एसोसिएट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, हिंदी विभाग, श्री राम कॉलेज ऑपफ कॉमर्स, दिल्ली विश्वविद्यालय भाषा मनुष्य के भावों और विचारों की सहज अभिव्यक्ति…

“हॉब्सन-जॉब्सन, आधुनिक ऑक्सफोर्ड अंग्रेज़ी कोश और  हिंदी” – (आलेख)

हॉब्सन-जॉब्सन और आधुनिक ऑक्सफोर्ड अंग्रेज़ी कोश: हिंदी के बहाने अंतरराष्ट्रीय अंग्रेज़ी का विस्तार ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र 📜 भूमिका भाषा केवल संचार का माध्यम नहीं, बल्कि इतिहास, संस्कृति और…

हिंदी के मानकीकरण और दस्तावेज़ीकरण का इतिहास – (आलेख)

हिंदी के मानकीकरण और दस्तावेज़ीकरण का इतिहास ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र हिंदी के मानकीकरण और दस्तावेज़ीकरण का इतिहास एक लंबी प्रक्रिया है जो सदियों से चली आ रही है।…

उत्तरी भारत के नगरों में भाषा समस्या पर कुछ टिप्पणियाँ – (आलेख)

उत्तरी भारत के नगरों में भाषा समस्या पर कुछ टिप्पणियाँ तोमिओ मिज़ोकामि, प्रोफ़ेसर एमेरिट्स ओसाका यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज़

जापान में गणेश जी के मंदिर एवं महिमा – (आलेख)

जापान में गणेश जी के मंदिर एवं महिमा गणेश गिरि, वाकायामा, जापान जापान में यद्यपि हिंदू धर्म विशेष गणेश मंदिर नहीं हैं, वर्तमान में कुछ भारतीय संगठनों ने टोक्यो, क्योतो,…

पुराणों में वर्णित ‘गुप्त काशी’, जहां जौ भर भूमि और होती तो यहां काशी के नाथ विश्वनाथ विराजते – (आलेख)

शिव के त्रिशूल पर बसी दुनिया की सबसे प्राचीन नगरी काशी। शिव की वह नगरी जिसे माता पार्वती के लिए शिव ने बसाया। वह नगरी जिसके बारे में शास्त्रों में…

नफरत में जल जलकर, खाक हो जाने से बेहतर, प्रेम में तपकर कुंदन हो जाइए – (विचार स्तंभ)

डॉ शिप्रा शिल्पी आज के आपाधापी युग में मन खोखले हो रहे हैं उन्हें प्रेम से भरिए, नफरतें अजाब है, जहर भी बचा कर रखे अपने सोने से मन को…

सोशल मीडिया में दक्षता एवं प्रबंधन कौशल विकास – (आलेख)

सोशल मीडिया में दक्षता एवं प्रबंधन कौशल विकास मनोज कुमार श्रीवास्तव वैसे सोशल मीडिया की डाउनसाइड ही ज्यादा बताई जाती हैं। माएँ अपने बच्चों को डाँटती हैं। पत्नियाँ पति को…

चन्द्रधर शर्मा गुलेरी – (आज जिनका जन्मदिन है)

चन्द्रधर शर्मा गुलेरी -रजनीकांत शुक्ला चन्द्रधर शर्मा गुलेरी का जन्म 7 जुलाई, 1883 को हिमाचल प्रदेश के एक गाँव गुलेर में हुआ था। वे हिन्दी के प्रख्यात साहित्यकार थे। बीस…

भाषा, उच्चारण और बहुभाषिकता : क्या उच्चारण ज्ञान का मानक है? – (आलेख)

उच्चारण के सन्दर्भ में एक भारतीय पेशेवर की व्यथा : क्या उच्चारण ज्ञान का मानक है? ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र भूमिका भाषा केवल संप्रेषण का माध्यम नहीं है, यह…

वैश्विक युग में हिंदी भाषा: एक नई दिशा की ओर – (आलेख)

वैश्विक युग में हिंदी भाषा: एक नई दिशा की ओर डॉ. राकेश कुमार, कार्मेल, इंडियाना, अमेरिका, प्रस्तावनाहिंदी भाषा भारत के भाषाई परिप्रेक्ष्य में एक प्रमुख स्थान रखती है और इसे…

कैरीबियन देशों की देन ‘चटनी संगीत’ – (आलेख)

कैरीबियन देशों की देन ‘चटनी संगीत’ – डॉ. दीप्ति अग्रवाल आप सबने दबंग 2 का गाना ‘फुलौरी बिना चटनी कैसे बनी’ और ‘गैंग्स ऑफ वसेपुर’ के गाने जरूर सुने होंगे।…

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