ऑस्ट्रेलिया में हिंदी दिवस का आयोजन

ऑस्ट्रेलिया में विद्या भवन ऑस्ट्रेलिया और भारतीय साहित्य और कला संस्था, ऑस्ट्रेलिया (इलासा इंकॉर्पोरेटेड) के द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर कविता और कहानी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया भर से प्रविष्टियां आमंत्रित की गईं थीं। विभिन्न शहरों- मेलबॉर्न, सिडनी, पर्थ, एडिलेड, कैनबरा, ब्रिस्बेन आदि से बच्चों एवं युवाओं ने सभी आयु वर्ग में हिस्सा लिया। इस आयोजन की प्रविष्टियाँ वीडियो के रूप में मांगी गई थी और प्रतिभागियों को अपने वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए कहा गया था लगभग 60 प्रविष्टियां आई और इस बार $1000 यानी करीब 55, 000 रुपये पुरस्कार में दिए गए। प्रतियोगिता की तीन श्रेणियां थी पहली श्रेणी में 5 से 8 वर्ष के बच्चे थे दूसरी श्रेणी में 9 से 12 और तीसरी श्रेणी में 13 से 18 वर्ष के बच्चों की प्रविष्टियां प्राप्त हुई।
आर्या कोहली (पर्थ),आर्वी तिवारी (सिडनी),प्रहर मेहता (सिडनी) ने 5 से 8 वर्ष आयु वर्ग में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कर प्राप्त किया । 9 से 12 वर्ष के आयु वर्ग में अर्णव सोनी (सिडनी, प्रथम), अनिशा आहूजा (सिडनी, द्वितीय) एवं आक्षी कोहली ने (पर्थ, तृतीय) स्थान प्राप्त किया। 13 से 18 वर्ष के प्रतिभागियों में रुद्रांश भार्गव (सिडनी, प्रथम), यश्वि ओसवाल (मेलबोर्न, द्वितीय) एवं सुन्शीया माथुर ने (सिडनी, तृतीय) पुरस्कार जीते।
18 साल के ऊपर की युवाओं के लिए एक कहानी वाचन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया था, जिसमें ब्रिसबेन की मधु खन्ना प्रथम, सिडनी की उषा दाधीच ने द्वितीय और मेलबॉर्न की प्रिया शुक्ला ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कविता पाठ प्रतियोगिता के निर्णायक थे – डॉ शैलजा चतुर्वेदी, डॉ नूपुर अशोक और डॉ सुभाष शर्मा। जब कि कथा वाचन / किस्सागोई का निर्णय ऑस्ट्रेलिया रंगमंच की जानी मानी हस्तियों सबा ज़ैदी आब्दी, विपुल व्यास और दिनशा पालकीवाला ने किया।

कार्यक्रम की आयोजक, इलासा की संस्थापक रेखा राजवंशी ने कहा कि “हिंदी भाषा और साहित्य को बढ़ावा देना और अगली पीढ़ी तक पहुँचाना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि अधिकतर भाषाएं विलुप्त हो रही हैं। प्रवासियों के लिए यह बहुत जरूरी है कि वे अपनी भाषा से जुड़े रहे रहें। सिडनी में पंद्रह सितंबर रविवार को एक आयोजन किया गया जिसमें विजेताओं को पुरस्कार राशि प्रदान की गई और उन्होंने कविताओं का पाठ किया। सफल फेस्टिवल आयोजित करने वाली ए एस ए एफ इस कार्यक्रम में सहयोगी संस्था थी। सिडनी के उपनगर स्ट्रैथफील्ड के काउंसिलर राज दत्ता जी ने बच्चों को पुरस्कार देकर उनका उत्साह वर्धन किया। इस अवसर पर सिडनी के युवा कवि एवं लेखक मृणाल शर्मा की पुस्तक ‘थोड़ा गांव, थोड़ी छाँव’ का विमोचन भी किया गया। कुलदीप यादव ने रश्मिरथी का वाचन किया। कुल मिलाकर यह कार्यक्रम लोगों के लिए एक नई उमंग और उत्साह लेकर आया।
हिंदी को बढ़ावा देना है तो उसे अच्छे पुरस्कारों से जोड़ना आवश्यक है। हिंदी भाषी प्रवासी भारतियों ने इस प्रतियोगिता की भरपूर सराहना की और कहा कि बच्चों ने इस बहाने एक कविता सीखी।