अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद ने राजदूत डॉ. रोजर गोपाल के विदाई समारोह का आयोजन किया

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद (ए.आर.एस.पी.) के डायस्पोरा रिसर्च एंड रिसोर्स सेंटर (डीआरआरसी) ने राजदूत डॉ. रोजर गोपाल को सम्मानित करने के लिए शनिवार, 22 फरवरी 2025 को प्रवासी भवन में एक भावपूर्ण कार्यक्रम की मेजबानी की, जिन्होंने हाल ही में भारत में त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य के उच्चायुक्त के रूप में अपना कार्यकाल पूर्ण किया। यह कार्यक्रम भारत और त्रिनिदाद और टोबैगो के बीच संबंधों को मजबूत करने में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ. रोजर गोपाल को बधाई देने के लिए एआरएसपी के पदाधिकारियों और सदस्यों को एक साथ लाया।

डॉ. रोजर गोपाल ने बड़े उत्साह के साथ सभा को संबोधित किया,  भारत में अपने अनुभवों पर अंतर्दृष्टि साझा की। भारत की संस्कृति, दर्शन और राजनीति से लेकर दोनों देशों के बीच गहरे द्विपक्षीय संबंधों तक के विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। त्रिनिदाद और टोबैगो में रहने वाले भारतीय परिवारों के व्यवहार पर कहते हुए उन्होंने कहा कि भारतवासी सदैव अपने से दूसरे व्यक्ति का उतना ही सम्मान करते है जितना वह अपने परिवार के सभी सदस्यों का करते है। भारतीय जब हमारे यहाँ किसी भी पर्व को मनाते है उसमे हमारे देश के सभी लोगों की सहभागिता भी सम्पूर्ण भाव से रहती है। भारत ने विश्व को मानवता का संदेश दिया है। इस संदेश को हमारा देश भी आत्मसात करता है। भारत का दर्शन दुनिया के लिए एक वरदान के रूप में दिखाई देता है। जो वसुदैव कुटुंबकम के मार्ग पर चलता है। यहाँ रहकर मैंने भारत की शालीनता को जिया है। इसे अपने जीवन में आत्मसात भी किया। भारत और त्रिनिदाद के रिश्तों में सदैव गर्मजोशी बनी रहेगी। क्योंकि भारत की वैश्विक दृष्टि सभी के लिए समान दिखाई देती है। भारत सबके साथ समान व्यवहार बनाए रखने में सबसे सफल देशों की पंक्ति में दिखाई देता है। मेरे द्वारा बिताए गए वर्षों के सभी दिनों में मुझे इस धरती ने बहुत कुछ सिखाया है। आस्था और विश्वास का अटूट संबंध मुझे इसकी मिट्टी में नजर आता है। मैं सदैव इस मिट्टी का आभारी रहूँगा। अपने देश में भी यहाँ के संस्कारों, सभ्यता को लोगों तक ले जाने का प्रयास करूंगा।  

इस कार्यक्रम में सपरा जी व लेवी जी द्वारा प्रेरक संबोधन दिए गए। जे.एस. सपरा (त्रिनिदाद और टोबैगो में भारत के पूर्व उच्चायुक्त) ने कहा कि रोजर जी व्यवहारिक दृष्टि से बहुत सरल व सहज स्वभाव के है। इनकी वाणी की मिठास अपनी ओर आकर्षित करती है।

श्री हनानी बेन लेवी (द्वितीय सचिव, गुयाना) ने कहा कि रोजर जी की वैचारिक पृष्ठभूमि में सदैव अपनापन समाहित रहता है। यह जब भी किसी से वार्तालाप करते हैं तो उसको अपना बना लेते हैं। यह क्षमता कम लोगों में होती है जो मैंने रोजर जी के अंदर देखी है।

पूर्व राजदूत विनोद कुमार (अध्यक्ष, एआरएसपी) ने कहा कि जब कोई राजदूत के दायित्व पर कार्यरत होता है तो उसके व्यवहार को बारीकी से परखा जाता है। इस परख में रोजर जी रत्न की तरह दिखाई देते हैं।

श्री विष्णु विश्राम, डॉ. मार्कंडेय राय, श्री लक्ष्मण, श्री शिव कुमार निगम, श्री मुकेश अग्रवाल, डॉ. दीप्ति अग्रवाल, श्री नारायण कुमार, डॉ. रघुवंश, श्री अनिल जोशी, श्री टी. एन मल्होत्रा- ​आप सभी सम्मानित सदस्यों ने रोजर जी से जुड़े कई यादगार लम्हों की याद में अपनी अपनी बात संक्षिप्त रूप में कही। सभी ने रोजर जी के भविष्य की शुभकामना देते हुए खुशहाल जीवन की कामना।

इस कार्यक्रम का संचालन प्रो. गोपाल अरोड़ा ने किया।

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