‘हिंदी साहित्य व सिनेमा में अवध की भूमिका’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

दिनांक 26/03/2025 को हिन्दी विभाग, खुनखुन जी गर्ल्स पी.जी. कॉलेज एवं उच्च शिक्षा विभाग, लखनऊ, उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय था ‘हिंदी साहित्य व सिनेमा में अवध की भूमिका’।

संगोष्ठी में मुख्य अतिथि प्रोफेसर सतीश द्विवेदी, निवर्तमान मंत्री बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश सरकार एवं प्रोफेसर बुद्ध विद्यापीठ सिद्धार्थ नगर, उत्तर प्रदेश वर्चुअल माध्यम से उपस्थिति रही। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि अवध के साहित्य के बिना हिन्दी सिनेमा अधूरा है। साहित्य के शब्द सिनेमा के दृश्यों के माध्यम से समाज तक जाते हैl

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता पद्मश्री विद्या बिंदु जी ने की जिन्होंने अपने लोकगीतों और लोक कलाओं के माध्यम से अवध की संस्कृति और बोली पर प्रकाश डाला।

उद्घाटन सत्र के बीज वक्ता प्रोफेसर शैलेंद्र नाथ मिश्रा (विभागाध्यक्ष हिंदी विभाग, श्री लाल बहादुर शास्त्री स्नातकोत्तर  महाविद्यालय गोंडा) ने बताया कि हिन्दी साहित्य के विकास में अवध का महत्पूर्ण योगदान है। नाटक, कहानी, उपन्यास, व्याकरण, महाकाव्य सभी विधाओं का प्रारम्भ और विकास अवध कि भूमि से आरम्भ हुआ है।

उद्घाटन सत्र के विशिष्ट वक्ता श्री राम बहादुर मिश्रा (अध्यक्ष, अवधी भारतीय संस्थान) ने भी अवध की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

विशेष सत्र के अंतर्गत मुख्य वक्ता डॉ. मीनू खरे, विशिष्ट वक्ता डॉ. नीरा जलछत्री एवं अध्यक्ष  डॉ अनिल रस्तोगी जी रहे सबने अवध के रचनाकारों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने  भगवती चरण वर्मा के उपन्यास चित्रलेखा एवं अमृत लाल नागर के बूंद और समुद्र की विशेषताओ से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि इन रचनाओं ने नवाबी दौर से ब्रिटिश काल तक के सामाजिक परिवर्तन एवं महिलाओं पर पड़ने वाले प्रभाव से हमें परिचित कराया वही अवध में साहित्य और सिनेमा में कितनी संभावनाएं है इससे परिचित कराया।

समापन सत्र में लखनऊ विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रोफेसर प्रोफेसर हरिशंकर मिश्र जी और प्रोफेसर पवन अग्रवाल जी ने अपनी गरिमा में उपस्थित से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

समस्त कार्यक्रम महाविद्यालय की प्राचार्य अंशु केडिया के निर्देशन एवं डॉ शालिनी शुक्ला के संयोजन में संपन्न हुआl समस्त महाविद्यालय परिवार ने अपनी -अपनी भूमिकाएं पूरी तरह से निभाईl इस कार्यक्रम में लगभग 200 से ज्यादा शोधार्थी और छात्रों ने प्रतिभाग किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate This Website »