17 मई 2025, साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली

साहित्य अकादेमी द्वारा ‘एक देश एक धड़कन’ अभियान के अंतर्गत एक ‘काव्य संध्या’ का आयोजन किया गया, जिसमें पाँच प्रतिष्ठित कवियों ने देशभक्ति से ओतप्रोत अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। काव्य संध्या की अध्यक्षता वरिष्ठ गीतकार बी. एल. गौड़ ने की।

आमंत्रित कवि थे – लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, सरिता शर्मा, इंद्रजीत सुकुमार एवं तहसीन मुनव्वर। कार्यक्रम के आरंभ में साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने सभी का स्वागत पारंपरिक उत्तरीय प्रदान कर किया। सर्वप्रथम तहसीन मुनव्वर ने अपनी कविताओं की इन पंक्तियों से शुरुआत की –
“जो हमको सताएगा, वो नाशाद रहेगा
दुश्मन हमारे मुल्क का बर्बाद रहेगा।”

“गुलों के वास्ते, चमन के लिए
हर घड़ी सोचिए, वतन के लिए।”

इसके बाद इंद्रजीत सुकुमार ने सस्वर गीत प्रस्तुत किया –
“कल कतरा कतरा दिन गुजरा
कल लम्हा लम्हा रात हुई।

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साहित्य अकादेमी ने अपने परिसर में तिरंगा यात्रा का भी आयोजन किया

आज साहित्य अकादेमी ने अपने परिसर में तिरंगा यात्रा का भी आयोजन किया , जिसमें विभिन्न भाषाओं के साहित्यकारों, साहित्य-प्रेमियों एवं साहित्य अकादेमी के सचिव के.श्रीनिवासराव सहित अन्य कर्मचारियों ने भी भाग लिया। तिरंगा यात्रा में सभी हाथों में तिरंगा लेकर, भारत माता की जय एवं विश्व विजयी तिरंगा प्यारा… झंडा ऊंचा रहे हमारा… के नारे लगा रहे थे।

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