29 मई 2025, नई दिल्ली। साहित्य अकादेमी और राष्ट्रपति के संयुक्त तत्वावधान में ‘कितना बदल चुका है साहित्य विषयक दो दिवसीय साहित्यिक सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र, नई दिल्ली में किया। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि 140 करोड़ देशवसियों के हमारे परिवार में अनेक भाषाएँ और अनगिनत बोलियाँ हैं तथा साहित्यिक परंपराओं की असीम विविधता है। लेकिन इस विविधता में भारतीयता का स्पंदन महसूस होता है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित भारत सरकार के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि साहित्य समाज की भावनाओं के और समाज की स्थितियों के दर्पण स्वरूप है तथा दर्पण होने के साथ-साथ यह समाज के मार्गदर्शन का काम भी करता है। साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने राष्ट्रपति तथा पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री का अभिनंदन किया

उद्घाटन सत्र के बाद ‘सीधा दिल से : कवि सम्मिलन’ का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता शायर शीन काफ निज़ाम ने की एवं इस सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक उपस्थित रहे। कविता-पाठ करने वाले कवियों में रणजीत दास (बाड्ला), ममंग दई (अंग्रेजी), दिलीप झवेरी (गुजराती), अरुण कमल (हिंदी), महेश गर्ग (हिंदी), शफी शौक (कश्मीरी), दमयंती बेशरा (संताली) और रवि सुब्रह्मण्यम् (तमिळ) ने अपनी कविताओं का पाठ किया। सत्रों का संचालन अलका सिन्हा द्वारा किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate This Website »