
दिनांक 11 जून 2025 को साहित्य अकादमी में आयोजित विचारोत्तेजक कार्यशाला में बोलचाल की हिंदी और कार्यालयीन भाषा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर सुश्रा सुनीता पाहूजा ने अपने विचार साझा करते हुए बोलचाल की सहज हिंदी और कार्यालय की औपचारिक भाषा के बीच की दूरी को समझाने का प्रयास किया।

