
चित्रनगरी संवाद मंच में पुस्तक परिचय और इंद्रधनुष
रविवार 15 जून 2025 को चित्रनगरी संवाद मंच मुम्बई की ओर से मृणालताई हाल, केशव गोरे स्मारक ट्रस्ट, गोरेगांव में आयोजित कार्यक्रम में ‘पुस्तक परिचय’ के अंतर्गत कवयित्री इंदु मित्तल के काव्य संग्रह “यह पल सांचा मोती” पर सुप्रसिद्ध कवि सुभाष काबरा ने वक्तव्य दिया। काबरा जी ने अपने ख़ास अंदाज़ में काव्य संग्रह के कथ्य, भाषा और शैली का ख़ूबसूरत आकलन पेश किया। उनके अनुसार सहज सरल भाषा में लिखी गईं ये कविताएं पाठकों के साथ घनिष्ठ रिश्ता क़ायम करने में समर्थ हैं। इस रचनात्मक उपलब्धि के लिए इंदु मित्तल को बधाई देते हुए उन्होंने पुस्तक की सुंदर छपाई और उत्कृष्ट साज-सज्जा की भी तारीफ़ की। इंदु मित्तल ने अपने काव्य संग्रह से चुनिंदा रचनाओं का पाठ किया। उनकी कविताएं श्रोताओं को अच्छी लगीं। उल्लेखनीय है कि इस अवसर पर कवयित्री इंदु मित्तल की हौसला अफ़ज़ाई के लिए उनका पूरा परिवार मौजूद था।

‘इंद्रधनुष’ कार्यक्रम में पांच रचनाकारों की विशिष्ट रचनाओं की प्रस्तुति सराहनीय रही। ये रचनाकार थे- डॉ बनमाली चतुर्वेदी (छन्द), नवीन जोशी नवा (लघुकथा), कुसुम तिवारी (गीत-लोकगीत), गुलशन मदान (व्यंग्य), प्रदीप गुप्ता (अतुकान्त)। शायर सिद्धार्थ शांडिल्य ने गायिका गौहर जान पर रोचक क़िस्सगोई पेश की। समापन देवमणि पाण्डेय की ग़ज़ल से हुआ। ‘इंद्रधनुष’ के संयोजक-संचालक, बहुभाषी शायर नवीन सी. चतुर्वेदी ने ‘धरोहर’ के अंतर्गत मशहूर शायर इरशाद ख़ान सिकन्दर की ग़ज़ल पेश की।
झारखंड से पधारे अतिथि कवि अशोक प्रमाणिक रांची विश्व विद्यालय में आनंद बख़्शी के सिने गीतों पर पीएचडी कर रहे हैं। उन्होंने एक प्रेम गीत सुनाकर कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की। अंत में लब्धप्रतिष्ठित शायर सिद्धार्थ शांडिल्य और क़मर हाजीपुरी ने काव्य पाठ किया।
– देवमणि पांडेय