विश्व हिंदी सचिवालय मॉरीशस में संगीत दिवस के अवसर पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय समारोह में डॉ. अंजना सिंह सेंगर के हिन्दी गजल संग्रह “यादों की रियासत” का लोकार्पण मॉरीशस गणराज्य के राष्ट्रपति धरमवीर गोकुल जीसीएस के द्वारा किया गया। इस अवसर पर भारत के उप उच्चायुक्त विमर्श आर्यन, विश्व हिन्दी सचिवालय की महासचिव डॉ. माधुरी रामधारी, उप महासचिव डॉ. शुभंकर मिश्र के साथ-साथ कई देशों ने आए साहित्यकार भी मौजूद रहे।

राष्ट्रपति धरमवीर गोकुल ने गजल संग्रह “यादों की रियासत” की प्रशंसा करते हुए डॉ. अंजना सिंह सेंगर से कहा कि आपको कभी रुकना नहीं है लेखन की धारा निरंतर चलती रहे। उन्होंने कहा कि गीत-संगीत हम सभी पसंद करते हैं ये हमारे जीवन में अहम स्थान रखते हैं, क्योंकि इनमें बेहतर मानवीय संवेदनाएं होती हैं। इसके माध्यम से बच्चे हो या बुजुर्ग सभी हिंदी भाषा से परिचित होते हैं। हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमें समस्या पर नहीं समाधान पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

समारोह की आयोजक विश्व हिन्दी साचिवालय की महासचिव डॉ. माधुरी रामधारी ने कहा कि हिंदी लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए दुनिया भर में प्रकाशिकत होने वाली साहित्य की सभी विधाओं की पुस्तकों के लोकार्पण का आयोजन होता है। इस बार डॉ. अंजना सिंह सेंगर के गजल संग्रह का लोकार्पण जब मॉरीशस के महामहिम महोदय द्वारा किया जा रहा था तभी इस पुस्तक से प्रेरणा लेकर हमने तय किया कि सचिवालय द्वारा गजल लेखन पर शीघ्र ही एक बड़ी कार्यशाला का आयोजन किया जाए, जिसमें डॉ. अंजना सिंह सेंगर भी आमंत्रित होगी।

गजल संग्रह यादों की रियासत की लेखिका उत्तर प्रदेश निवासी डॉ. अंजना सिंह सेंगर ने कहा कि जब हम हिंदी गजल की यात्रा तो देखते है तो यह एक साहित्यिक धारा नहीं बल्कि संवेदनाओँ का समुंदर नजर आती है जो आने वाले समय में और भी विस्तार पाएगा। डॉ. सेंगर ने कहा कि मेरे लिए आज दिन जीवन का यादगार दिन है क्योंकि विश्व हिन्दी सचिवालय में वो भी मॉरीशस के राष्ट्रपति के कर कमलों से मेरी पुस्तक का लोकापर्ण हुआ है। उन्हो्ने बताया कि अब तक उनकी सात पुस्कतकें प्रकाशित होने के साथ ही देश-विदेश में कई सम्मान प्राप्त हुए है।

(साभार – Sudhir Kumar Vats के फेसबुक वॉल से)

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