
वैशाली महिला समिति (वैशाली,पीतम पुरा, दिल्ली)की सेमिनार समिति ने डाक्टर राधिका सिंह की संस्मरण पुस्तक ‘स्मृतियों के चल-चित्र’ का विमोचन, लेखिका के अभिनंदन एवं पुस्तक परिचर्चा के लिए एक अत्यंत भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया।
विमोचन, अभिनंदन एवं परिचर्चा के लिए हिन्दी जगत के स्वनामधन्य लेखक और लेखिकाओ को आमंत्रित किया गया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रतिष्ठित साहित्यकार डॉ सुरेश ऋतुपर्ण ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह पुस्तक अपने पूर्वजों को समर्पित एक ऐसा महत्वपूर्ण कार्य है जो बड़ी सच्चाई से अपनी बात रखता है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ मंजु गुप्ता ने पुस्तक पर चर्चा करते हुए कहा कि पुस्तक कविता मय है और प्रवाह के साथ बहती चली जाती है।
पूर्व में दिल्ली दूरदर्शन में उद्घोषिका रहीं कमल नसीम ने विस्तार से कहा कि तरह जीवन से पुरानी चीजें ग़ायब होती चली गईं और उनका स्थान नई चीज़ों ने ले लिया पर पुस्तकें अपना ऐतिहासिक महत्व रखती हैं। डॉ राधिका सिंह की ये पुस्तक भी संजो कर रखी जाने वाली है। कार्यक्रम की प्रमुख वक्ता लेखिका व समीक्षक अनीता वर्मा ने प्रभावशाली शैली में पुस्तक के विभिन्न आयामों पर चर्चा करते हुए कहा कि पुस्तक में जिन संस्मरणों को लिखा गया है वो बहुत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया है । पुस्तक का नाम स्मृतियों के चलचित्र उस समय सार्थक हो जाता है जब दृश्य परिदृश्य एक के बाद एक हमारी आँखों के सामने से गुज़रते चले जाते हैं। ऐसा लगता है कि कोई फ़िल्म चल रही है। हर दृश्य बिल्कुल स्पष्ट, सहज, सशक्त रूप से अपनी अभिव्यक्ति करता हुआ । कृष्णा सोबती का छठी कक्षा की पुस्तक में एक संस्मरण है जो उन्होंने अपने बचपन और शिमला के बारे में लिखा है । दीवाली का त्यौहार, पारम्परिक पकवान व परिधान, बच्चों का उत्साह, संयुक्त परिवार में अपना दायित्व निभाने की परंपरा और साथ ही पटाखों को लेकर एक अनकहा संदेश देती हुई ये पुस्तक पाठयक्रम में रखी जा सकती है। नई पीढ़ी को इस में बहुत कुछ जानने को मिलेगा । अनीता वर्मा ने अरुणिमा द्वारा बनाए आवरण पृष्ठ की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह आवरण खिलखिलाता हुआ अतीत व वर्तमान को जोड़ रहा है।
डॉ राधिका सिंह ने पुस्तक की रचना प्रक्रिया पर बात करते हुए कहा कि ये संस्मरण मेरे जीवन यात्रा को समर्पित, मेरे बड़ों का आशीर्वाद है।
कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर व साहित्यकारों में डॉ विमलेश कांति वर्मा, डॉ मधुरिमा कोहली, डॉ अरुणा गुप्ता, डॉ सुरेन्द्र नाथ सिंह, डॉ देवेंद्र सिंह, शशि शर्मा इत्यादि ने अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज की।




