
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ सच्चिदानंद जोशी ने दिल्ली के लेखकों, वरिष्ठ साहित्यकारों व विद्वानों की उपस्थिति ने डॉ पद्मेश गुप्त का अभिनंदन किया। उल्लेखनीय है कि डॉ पद्मेश गुप्त इन दिनों भारत में अपनी दो कहानियों “डेड एंड“ व “कश्मकश“ के राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा मंचन पर भारत में हैं।
अंग्रेजी, हिन्दी, उर्दू एवं फ्रेंच भाषाओं के जानकार पद्मेश गुप्त ने 1990 में लन्दन में यू.के. हिन्दी समिति की स्थापना की। इनकी रचनाएँ ब्रिटेन एवं भारत के अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं। पद्मेश गुप्त मास्को, पोलैंड, बुढापेस्ट, बुकारेस्ट जैसे अनेक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में आप व्याख्यान भी दे चुके हैं। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा विदेशों में हिन्दी प्रचार के लिए, न्यूयार्क में ‘विश्व हिन्दी सम्मान’, भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणय मुखजी द्वारा भारत सरकार के ‘पद्मभूषण मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार’ से सम्मानित किए गए जा चुके हैं। पद्मेश गुप्त 2004 से ऑक्सफोर्ड में ऑक्सफोर्ड विजनेस कॉलेज के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।

डॉ सच्चिदानंद जोशी ने पद्मेश गुप्त को सम्मानित करते हुए कहा कि आज की इस विशिष्ट मुलाक़ात से मैं बहुत प्रसन्न हूँ उन्होंने इंदिरा गांधी कला केन्द्र की वर्तमान गतिविधियों व कार्यक्रमों से अवगत करवाते हुए भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की।
इस कार्यक्रम में वैश्विक हिन्दी परिवार के अध्यक्ष व साहित्यकार अनिल जोशी जी ने भारतीय भाषाओं के सम्मेलन व वरिष्ठ साहित्यकारों से साक्षात्कार को लेकर गंभीर चर्चा की। डॉ सच्चिदानंद जोशी ने उन्हें इस विषय से संबंधित कई सुझाव दिए। इस आयोजन में प्रो. (डॉ.) रवि प्रकाश टेकचंदानी, निदेशक, राष्ट्रीय सिंधी भाषा संवर्धन परिषद ने भारतीय भाषाओं के संदर्भ में चर्चा की।

आयोजन में डॉ मालविका जोशी, डॉ बरूण कुमार, अलका सिन्हा, अनीता वर्मा, सुनीता पाहूजा, मनोज कुमार सिन्हा व अनुराग पुनेठा( नियंत्रक /फिल्म एवं विडियो संभाग) ने अपनी विशेष उपस्थिति दर्ज की । इस अवसर पर डॉ सच्चिदानंद जोशी जी डॉ पद्मेश गुप्त जी को अपनी दो पुस्तकें व जगन्नाथ रथयात्रा के अवसर पर प्रभु जगन्नाथ की पेंटिंग भेंट की। लेखिका सुनीता पाहूजा ने अपनी सद्यः पुस्तक “मारीशस की साहित्यिक सुगन्ध” भी भेंट की।
– अनीता वर्मा











