
हर युग के लिए प्रासंगिक साहित्य लिखने वाले आधुनिक हिन्दी साहित्य के अत्यन्त लोकप्रिय कवि, नाटककार एवं उपन्यासकार धर्मवीर भारती एक ऐसे साहित्यकार थे जिनकी कलम से साहित्य की कोई भी विधा अछूती नहीं रही। उनकी कविताओं में आधुनिक बोध, मानवीय संवेदनाएं, प्रेम,और करूँणा की गहरी लय दिखाई देती है। इसी साहित्य पुरोधा के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में “अंतरराष्ट्रीय हिन्दी संगठन नीदरलैंड“ की अध्यक्ष डॉ ऋतु शर्मा ननंन पाँडे ने वरिष्ठ समीक्षक व साहित्यकार डॉ संजय अनंत जी के सहयोग से एक अंतरराष्ट्रीय काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आकाशवाणी नई दिल्ली के सहायक निदेशक डॉ राम अवतार “बैरबा” जी विशिष्ट अतिथि के रूप में धर्मवीर भारती जी की धर्मपत्नी आदरणीय पुष्पा भारती जी उपस्थित रहीं।

कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ साहित्यकार, कवि, आलोचक व समीक्षक डॉ संजय अनंत जी ने धर्मवीर भारती जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए किया। इस अवसर पर धर्मवीर भारती जी कीं अर्द्धांगिनी पुष्पा भारती जी ने भारती जी के साथ अपने जीवन अनुभव साझा करते हुए भारती जी की पहली कविता व अप्रकाशित कविता ‘एक छवि’, व उनकी अंतिम कविता ‘सफ़रनामा’ सुनाई। भारत के प्रसिद्ध साहित्यकार, आलोचक, समीक्षक व “फिल्म फाउंडेशन ट्रस्ट“ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ संजय अनंत, जी ने धर्मवीर भारती जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला।

सिंगापुर से नेवी आफिसर व कवि विनोद कुमार दुबे ने धर्मवीर भारती जी के समस्त साहित्य सृजन को समेटते हुए अपनी कविता ‘धर्मवीर भारती’ भारत भागलपुर से वरिष्ठ साहित्यकार प्रो डॉ प्रतिभा राजहंस न्यूज़ीलैंड से वरिष्ठ कवयित्री डॉ सुनीता शर्मा जी, वर्जिनिया से वरिष्ठ कवयित्री मंजू श्रीवास्तव, नीदरलैंड से हिन्दुस्तान टाइम्स के पूर्व संपादक दिनेश वत्स जी, मस्कत से वरिष्ठ कवयित्री सिम्मी कुमारी, भारत से प्रियंका वर्जिनिया से मंजू श्रीवास्तव, जर्मनी से डॉ शिप्रा शिल्पी, भारत से डॉ सोनी, जर्मनी से कवयित्री व लेखिका गुरबख्श मोंगा जी, डॉ ऋतु शर्मा ननंन पाँडे नीदरलैंड से व अंत में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ रामअवतार “बैरवा” जी ने धर्मवीर भारती जी के अंधायुग नाटक के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि यह आकाशवाणी के अनुरोध पर आकाशवाणी के लिए लिखा था। इसके बाद उन्होंने सभी आमंत्रित कवियों का उत्साहवर्धन करते हुए आभार व्यक्त करते हुए अपनी कविता का पाठ कर कार्यक्रम का मान बढ़ाया।

सभी रचनाकारों ने धर्मवीर भारती जी की रचनाओं के साथ साथ अपनी रचनाओं के माध्यम से मंच को सुशोभित किया। कार्यक्रम के अंत में अंतरराष्ट्रीय हिन्दी संगठन नीदरलैंड की अध्यक्ष ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी रचनाकारों विशेष रूप से धर्मवीर भारती जी की धर्मपत्नी पुष्पा जी मंच पर उपस्थित सभी रचनाकारों व आभासी पटल से जुड़े सभी श्रोताओं व दर्शकों का भी आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।
