Slough, 20th Sep, लंदन के समीप स्लो शहर में हिन्दी की पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। कार्यकम भव्य रूप से यहाँ के एक ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ जिसमें लंदन और उसके आसपास के लोगों ने बढ़-चढ़ हिस्सा लिया।

अवसर था आशीष मिश्रा का कविता संग्रह “क्या हारा क्या जीत गया” पुस्तक के लोकार्पण का जिनकी कविताओं को भारतीय उच्चायोग ने सम्मानित भी किया है। ब्रिटेन के वरिष्ठ साहित्यकार पद्मेश गुप्त की पुस्तक “पुरवाइयाँ” का भी लोकार्पण किया गया। दोनों ही पुस्तकों को सुप्रसिद्ध वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है।

कार्यक्रम का कुशल संचालन समाजसेवी एवं कवि श्री मधुरेश मिश्रा जी ने किया।

कार्यकम में विशेष अतिथियों में लंदन क्षेत्र से लोकप्रिय पूर्व सांसद श्री वीरेंद्र शर्मा जी, स्लो की मेयर शिओम दौती,  उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री माननीय रवीन्द्र जयसवाल जी एवं भारतीय उच्चायोग से हिंदी एवं संस्कृति अधिकारी अनुराधा पांडे आदि शामिल थे।

इनके अलावा कार्यक्रम में मंगलमयी उपस्थिति प्रयागराज से आए श्री अभिरामाचार्य जी महाराज एवं ब्रह्मऋषि मिशन लंदन से पूज्यनीय सूर्या दीदी की रही।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। पुस्तक लोकार्पण के बाद पहले लेखक पद्मेश गुप्त जी ने अपनी बात रखी, परत-दर-परत कई रुचिकर और युवा साहित्यकारों के लिए प्रेरणादायी वक्तव्य दिया। उन्होंने उनकी प्रचलित कविता “प्रवासी पुत्र” का पाठ भी किया।

भारतीय उच्चायोग से अनुराधा पांडे जी ने बताया कि निश्चित रूप से ऐसे कार्यक्रम ब्रिटेन में हिंदी प्रचार-प्रसार में महत्त्वपूर्ण योगदान देंगे।

एक बहुत ही रुचिकर वार्तालाप कवि आशीष मिश्रा एवं मधुरेश जी के मध्य हुई – जिसे जनता ने भरपूर सराहा। आशीष जी ने सहजता से अपनी किताब के बारे में, उनकी बारीकियों के बारे में विस्तार से चर्चा भी की।

आयोजक मंडल के सदस्य आदर्श जोशी जी ने बताया कि कार्यक्रम का प्रयास केवल लोकार्पण ना हो कर ब्रिटेन में हिंदी के नए पाठकों को खोजना भी था – जो की कई मायनों में सफल भी रहा। लगभग 250 के आसपास लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम में ना केवल लंदन और उसके आसपास की कई संस्थाओं ने जैसे IDUK, UPCA, संगम, IIW, UKBA, UPDF, हिंदी शिक्षा परिषद, हिमाचल लिंक, सनातन संस्था आदि ने भाग लिया बल्कि कई ऐसे लोग  भी आए जिनकी हिंदी पहली  भाषा नहीं है।

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