नैनी। विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय साहित्य अधिवेशन के दूसरे दिन सोमवार को संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम नैनी स्थित जगतपिता ब्रह्मदेव धर्मशाला देवरख में संपन्न हुआ। जिसमें देशभर के साहित्यकारों को शॉल और सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि मंडलायुक्त डॉ. सुरेन्द्र कुमार पांडेय ने कहा संस्कृत और हिंदी दो अलग भाषाएं नहीं बल्कि एक ही संस्कृति की धारा हैं। अंग्रेजी सीखना ठीक है, लेकिन हिंदी की कीमत पर नहीं।

विशिष्ट अतिथि डॉ. एनबी सिंह ‘हरियाली गुरु’ ने पर्यावरण संरक्षण पर चिंता जताते हुए कहा, जब पेड़ नहीं लगाए जाते थे तब भी पेड़ थे। लेकिन आज जब लाखों वृक्ष लगाए जा रहे हैं तब भी हरियाली नहीं दिखती। यह हमारी सोच और क्रियान्वयन के बीच अंतर को दशार्ता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ओम प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि हिंदी के विकास और संरक्षण के लिए जमीनी स्तर पर ठोस प्रयास आवश्यक हैं। इस अवसर पर दिनेश कुमार माली को उनकी शोध पुस्तक “सौंदर्य जल में नर्मदा : एक पर्यावरणीय आलोचना” पर साहित्य रत्न संस्थान की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। उनकी इस पुस्तक को पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी का भी विशिष्ट आशीर्वाद प्राप्त है। इस पुस्तक का विमोचन विगत वर्ष केरल की महाराजा कॉलेज में देश की प्रख्यात पर्यावरणविद मेधा पाटकर के कर-कमलों से किया गया था। ज्ञात हो, इससे पूर्व भी दिनेश कुमार माली को उनके हिंदी साहित्य में उल्लेखनीय योगदान के लिए हिंदी साहित्य अकादमी, गांधीनगरनेवम अखिल भारतीय हिंदी साहित्य संस्थान,गुजरात अहमदाबाद के संयुक्त अधिवेशन में “साहित्यालंकार” की उपाधि से सम्मानित किया गया था।

विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान के इस त्रिदिवसीय संगोष्ठी के मौके पर सम्मानित होने वालों में देश के कोने कोने से पधारे साहित्यकारों में डॉ. जुगुल किशोर सारंगी, डॉ. वंदना अग्निहोत्री, डॉ. विजयलक्ष्मी, डॉ. सुमा, डॉ. सीमा वर्मा, डॉ. गीता त्रिपाठी, संतोष कुमार झा, डॉ. कृष्णा मणि, अनिल कुमार त्रिपाठी, फरहत उन्नीसा, रणजीत सिंह अरोरा, डॉ. रश्मि चौबे, रजनी प्रभा, मुक्ता कौशिक, रतिराम गढ़वाल, संतोष शर्मा, लक्ष्मीकान्त वैष्णव, राणा प्रताप, अनीता सक्सेना, माधुरी त्रिपाठी, विजय कृष्ण त्रिपाठी प्रमुख है । डॉ. एनबी सिंह को विशेष रूप से “पर्यावरण श्री” सम्मान से नवाजा गया।संस्थान के सचिव डॉ. गोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी ने आभार ज्ञापन किया। संचालन डॉ. सीमा वर्मा, रश्मि चौबे और संयोजन पुष्पा श्रीवास्तव ने किया।

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