
जर्मनी से डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना एवं कनाडा से प्राची रंधावा ने किया संयोजन
दीपावली के शुभ अवसर पर कनाडा से प्राची रंधावा एवं जर्मनी से डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना के संयोजन में सृजनी ग्लोबल चैनल पर अंतरराष्ट्रीय काव्य गोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति की संरक्षक सुप्रसिद्ध कवयित्री श्रीमती मधु मिश्रा ने की।
कार्यक्रम का प्रारंभ मां वीणा वादिनि को नमन करते हुए डॉ शिप्रा शिल्पी ने अपने गीत “जय जय जय जय वीणा वादिनि” से किया। इस अवसर पर प्राची चतुर्वेदी ने अटल बिहारी वाजपेयी जी की पक्तियों से सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए दीपावली की शुभकामनाएं प्रेषित की।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भारत से डॉ सुनीता मिश्रा ने अपनी कविता “अंधकार को दूर भगाए विजय पर्व को साथ मनाए” सुनाकर जहां दर्शकों को भाव विभोर कर दिया, वही अमेरिका से शुभ्रा ओझा ने “दिल को दीपावली ही भाती है” कविता के द्वारा कार्यक्रम के विषय दिल वाली दीपावली को सार्थक कर दिया।



जर्मनी से डॉ राधा बिष्ट ने “शुभ हो दीपावली” गीत गाकर एवं अपने मुक्तकों से दर्शकों मंत्र मुग्ध किया वही कनाडा से अस्मिता लॉरेंस ने “चमक दमक हो स्वर्ण रौनक हो” कविता के माध्यम से दर्शकों की खूब वाह वाही लूटी एवं शिल्पा ने “मेरे घर के भाग आज खुल जाएंगे राम आयेंगे” अपने सुंदर मधुर आवाज में सुनाया।
इस अवसर पर कार्यक्रम की संयोजक एवं संचालक प्राची चतुर्वेदी ने “मन के रावण को मिटा कर राम अंतर्मन में भर ले” स्वरचित गीत द्वारा दर्शकों को सम्मोहित कर लिया वही डॉ शिप्रा शिल्पी ने “कच्ची माटी के कुछ दीपक इस दीवाली के आना” कविता से दर्शकों को भावुक कर दिया साथ ही उनके मंगल गीत की मधुर पावन स्वरलहरी ने दर्शकों की भूरि भूरि प्रशंसा बटोरी।
कार्यक्रम की अध्यक्ष मधु मिश्रा जी ने ढोलक की थाप पर मंगलम गीत “लक्ष्मी के पति जग के स्वामी” एवं कार्तिक मास में तुलसी पूजा के महत्व कों बताते हुए “तुलसी गीत” गाया। पारम्परिक लोकगीत के मधुर स्वरों ने दीपावली के पर्व को सार्थकता प्रदान कर दी।
पारंपरिक एवं आधुनिक कविता एवं गीतों से सजे इस कार्यक्रम की जर्मनी, कनाडा, अमेरिका, सिंगापुर, कुवैत, यू ए इ, जापान, आयरलैंड, ब्रिटेन, भारत , आस्ट्रेलिया आदि अनेक देशों के दर्शकों ने मन भर प्रशंसा की।
ज्ञातव्य हो सृजनी जहां भारत एवं वैश्विक पारम्परिक कला, संगीत, साहित्य, सभ्यता की धरोहर को संजोने का कार्य करती रही है वही नई लेखनी नए विचारों को वैश्विक मंच भी प्रदान करने के लिए कृत संकल्प है।
रिपोर्ट – डॉ शिप्रा शिल्पी 🇩🇪
