Category: शिप्रा शिल्पी सक्सेना

दिल दा मामला है – (ब्लॉग)

दिल दा मामला है डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना, कोलोन , जर्मनी दिल दा मामला है!! खुद के संग समय बिताना, अच्छा होता है। अपने दिल की भी सुनना-सुनाना, अच्छा होता…

लंदन के कवि आशुतोष कुमार के काव्य संग्रह ‘विश्रान्ति के पल’ का लोकार्पण एवं परिचर्चा – (रिपोर्ट)

पुस्तक : विश्रांति के पल लेखक : आशुतोष कुमार अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति के प्रतिष्ठित वैश्विक पटल पर लंदन के कवि आशुतोष कुमार के काव्य संग्रह “विश्रान्ति के…

3 अक्टूबर : जर्मनी एकीकरण दिवस – (ब्लॉग)

3 अक्टूबर : जर्मनी एकीकरण दिवस (Tag der Deutschen Einheit!!) डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना, कोलोन, जर्मनी युद्ध कभी समाधान न हुए है न होंगे। युद्ध नरसंहार देता है, नेस्तनाबूत करता…

गणेश चतुर्थी विशेष: जर्मनी में बप्पा : उमंग उत्साह और इतिहास – (ब्लॉग)

गणेश चतुर्थी विशेष: जर्मनी में बप्पा : उमंग उत्साह और इतिहास डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना गणेश चतुर्थी भारत का एक प्रमुख त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप…

श्री कृष्ण की विश्व में प्रासंगिकता – (ब्लॉग)

श्री कृष्ण की विश्व में प्रासंगिकता डॉ शिप्रा शिल्पी कान्हा संस्कार है, आचार है, व्यवहार है। अन्याय का प्रतिकार है और प्रेम का व्यवहार है। कर्म का सिद्धांत है, जीवन…

जर्मनी में गुंजायमान : जय कन्हैया लाल की – (ब्लॉग)

आत्मिक आनंद का उत्सव : जन्माष्टमी डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना, कोलोन, जर्मनी जन्माष्टमी मात्र एक धार्मिक उत्सव के रूप में ही नहीं वरन अधिकांशतः एक आत्मिक उत्सव के रूप में…

हम लखनौवा हैं : दोस्ती नहीं यारी निभाते हैं – (कविता)

हम लखनौवा है : दोस्ती नहीं यारी निभाते है डॉ शिप्रा शिल्पी, कोलोन, जर्मनी क्या फर्क पड़ता कोई आपको क्या समझता है, दोस्त वही जो आपको समझने की समझ रखता…

वैश्विक हिन्दीशाला संस्थान (विहस_VHSS, जर्मनी यूरोप) एवं डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के मध्य हस्ताक्षरित हुआ समझौता ज्ञापन – (रिपोर्ट)

डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना यूरोप में आगरा विश्वविद्यालय के प्रो. प्रदीप श्रीधर एवं सदस्यों के साथ मिलकर करेंगी भारतीय ज्ञान परम्परा का प्रचार प्रसार 21 जुलाई, 2025 डॉ. भीमराव आंबेडकर…

नफरत में जल जलकर, खाक हो जाने से बेहतर, प्रेम में तपकर कुंदन हो जाइए – (विचार स्तंभ)

डॉ शिप्रा शिल्पी आज के आपाधापी युग में मन खोखले हो रहे हैं उन्हें प्रेम से भरिए, नफरतें अजाब है, जहर भी बचा कर रखे अपने सोने से मन को…

वैश्विक हिन्दीशाला संस्थान (विहस_VHSS), यूरोप की छात्रा Alma Cedorage को मिला प्रथम पुरस्कार – (सम्मान)

19 जून, 2025 को संगीत दिवस 2025 के उपलक्ष्य में विश्व हिंदी सचिवालय द्वारा आयोजित ‘अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी : हिंदी गीत एवं गज़ल’ कार्यक्रम में वैश्विक हिन्दीशाला संस्थान (विहस_VHSS), यूरोप की…

वैश्विक भाषा, कला एवं संस्कृति संगठन (GLAC) द्वारा Kortrijk, Belgium  यूरोप में ‘फादर क़ामिल बुल्के लिटरेरी अवार्ड’ से सम्मानित किए गए ब्रिटेन के सुप्रसिद्ध कथाकार श्री तेजेन्द्र शर्मा – (रिपोर्ट)

The European Literary Conclave समारोह के अवसर पर काउंसलर श्री वी नारायनन (Press, Information and Culture, Embassy of India, Brussels) द्वारा ब्रिटेन के सुप्रसिद्ध कथाकार श्री तेजेन्द्र शर्मा को साहित्य…

वैश्विक भाषा, कला एवं संस्कृति संगठन (GLAC) यूरोप द्वारा “The European Literary Conclave” का Kortrijk, Belgium में हुआ भव्य आयोजन – (रिपोर्ट)

GLAC, भारतीय दूतावास बेल्जियम, लग्जमबर्ग एवं यूरोपियन यूनियन एवं World Human Rights Organization (WHRO) के संयुक्त तत्वावधान में नीदरलैंड से विश्वास दुबे, जर्मनी से डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना एवं बेल्जियम…

अपने बुजुर्गों को अकेला मत छोड़िए – (आलेख)

अपने बुजुर्गों को अकेला मत छोड़िए – डॉ शिप्रा शिल्पी जर्मनी में विगत एक दशक से ज्यादा समय हो गया है। यहां के जीवन मे सहज रूप मे रम भी…

ऐसी बानी बोलिए _कबीरा आपा  खोए LOL – (व्यंग्य आलेख)

ऐसी बानी बोलिए _कबीरा आपा खोए LOL -डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना, कोलोन , जर्मनी ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोए।औरन को शीतल करे आपहु शीतल होय। 15 वीं शताब्दी…

देह की अपनी अवधि है – (कविता)

देह की अपनी अवधि है देह की अपनी अवधि है, साँस का अपना सफर ।मन का’ पंछी उड़ चले कब, किसको इसकी है खबर।। पर्व जीवन का मना लें, प्रेमियों…

वैश्विक प्रार्थना – (कहानी)

वैश्विक प्रार्थना गैरों की पीड़ा को समझूँ,इतनी तो गहराई देना।देने वाले जब भी देना,दिल में बस अच्छाई देना।। लिखना जब भी भाग्य हमारा,थोड़ी सी नरमी अपनाना।हो जाये रोटी की किल्लत,इतनी…

गीत मधुर कोई गाती हो

गीत मधुर कोई गाती हो गीत मधुर कोई गाती हो,जब छम से तुम आ जाती हो।मन के सूने घर आँगन में,खुशिओं के फूल खिलाती हो। झाँझर बाजे रुनझुन रुनझुन,कारे नैनो…

एक वचन चाहिये – (कहानी)

एक वचन चाहिये जीतने के लिये बस अगन चाहिए,सोच को कर्म का एक वचन चाहिये। उड़ सके ख्वाब बन के हक़ीक़त सभी,हौसला और दिल में लगन चाहिए। दंश आतंक का…

देह की अपनी अवधि है – (कविता)

देह की अपनी अवधि है देह की अपनी अवधि है, साँस का अपना सफर ।मन का’ पंछी उड़ चले कब, किसको इसकी है खबर।। पर्व जीवन का मना लें, प्रेमियों…

घर का शतदल भूल गए – (कविता)

घर का शतदल भूल गए धन दौलत की खातिर अपना ,सारा दल-बल भूल गए,मैया छोड़ी ,बाबा छोड़े, घर का शत दल भूल गए। कैरी, इमली, सोंधी रोटी, भूले माटी की…

Translate This Website »