
पद्मश्री स्व. डॉ रामदरश मिश्र जी की पावन स्मृति में केंद्रीय हिंदी संस्थान, विश्व हिंदी सचिवालय, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद, वातायन तथा भारतीय संघ के तत्वावधान में वैश्विक हिंदी परिवार द्वारा एक आयोजन संपन्न हुआ। रविवार, 23 नवंबर 2023, प्रातः 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक (प्रवासी भवन, समीप राउज एवन्यू कोर्ट, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग, नई दिल्ली) चले इस कार्यक्रम में विभिन्न स्थानों से आमंत्रित विद्वानों ने स्व. रामदरश मिश्र जी के प्रति श्रद्धासुमन स्वरूप अपने-अपने संस्मरण साझा कर अपनी बात रखी। गूगल मीट के माध्यम से भी अनेकों विद्वानों ने आनलाइन जुड़कर अपने संबोधन सांझा किये। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी अपने संदेश में स्वर्गीय डॉ रामदरश मिश्र जी के प्रति अपने संस्मरण एवं विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता लेखक, कवि अनिल जोशी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में स्व. रामदरश मिश्र जी की पुत्री प्रो.श्रीमती स्मिता मिश्र जी, विशिष्ट अतिथि के रूप में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद के निदेशक नारायण कुमार, वर्तमान संस्था के अध्यक्ष लेखिका कवयित्री दिव्या माथुर, और गुवांगझूं चीन से डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी उपस्थित थे। डॉ वरुण कुमार और डॉ संजय भारद्वाज ने रामदरश मिश्र जी की गजल की संगीत में प्रस्तुति की। कार्यक्रम संयोजन और संचालन हिंदी अकादमी के पूर्व उपसचिव श्री ऋषि कुमार शर्मा द्वारा किया गया।
इस आयोजन में प्रो. स्मिता मिश्रा ने नम आंखों से अपने पिता के जीवन और रचनाक्रम से जुड़े संस्मरणों से सभी को अवगत कराया। रामदरश मिश्र जी के पुत्र ज्ञात विवेक मिश्र ने अपने पिता की कविता पढ़कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम को अपने संबोधन कई विद्वानों ने महान साहित्यकार रामदरश जी के प्रति संबोधन स्वरूप श्रद्धासुमन अर्पित किए उनमें, सर्वश्री विजय मल्होत्रा, डॉ अमरेंद्र पांडे, डॉ सन्नी के. गोंद, प्रो अर्चना त्रिपाठी, डॉ अलका सिन्हा, नरेश शांडिल्य, वेदमित्र शुक्ल, कुमार सुबोध, प्रो.रावण शर्मा, डॉ सुधा शर्मा, नीता त्रिपाठी, शशांक चंद्र शुक्ल, मनोज कुमार सिन्हा, डॉ अनिरुद्ध सुधांशु, आदित्य नाथ तिवारी, डॉ पृथ्वी सिंह केदारखंडी, प्रियव्रत छिकारा, डॉ नवीन नीरज एवं कुलदीप सिंह सहित अन्य कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। अंत में दो मिनट की श्रद्धांजलि अर्पित कर कार्यक्रम संपन्न हुआ।



रिपोर्ट – ऋषि कुमार शर्मा
