
“पं० रामप्रसाद बिस्मिल और उनके साथियों का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
दिल्ली : हिन्दी भवन में “पं० रामप्रसाद बिस्मिल और उनके साथियों का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी, साहित्य सप्तक (पं० वंशीधर शुक्ल विशेषांक) का लोकार्पण और सम्मान समारोह का आयोजन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
पं० रामप्रसाद बिस्मिल फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो० उमापति दीक्षित ने कहा कि सरकारें बदलती रही पर क्रांतिकारियों की सुधि किसी ने नहीं ली, सरकारों को दोषारोपण से बाहर आकर कुछ सार्थक करने पर सोचना चाहिए। मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार प्रो० अवनिजेश अवस्थी ने कहा कि जो रास्ता बिस्मिल जी ने चुना, वह आसान नहीं था। आकाशवाणी के सहायक निदेशक डॉ० राम अवतार बैरवा और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ० मधु चतुर्वेदी ने बतौर विशिष्ट अतिथि अपने विचार व्यक्त किए। व्यंग्यकार श्रीकान्त सिंह ने बतौर वक्ता सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन मनोज श्रीवास्तव ‘अनाम’ और रचना पथिक ने किया।

इस अवसर पर उल्लेखनीय योगदान के लिए छह विभूतियों को सम्मानित किया गया। कविता के लिए शैल भदावरी, विज्ञान व राजभाषा के लिए विकास दीक्षित, खेल व शिक्षा के लिए प्रवीण नागर, चित्रकारी व साहित्य के लिए संजय गिरी, साहित्य व शिक्षा के लिए डॉ० अंजू वेद और फिल्म व शिक्षा के लिए योगेश मिश्रा को फाउंडेशन ने अंगवस्त्र, श्रीफल, और स्मृति चिन्ह प्रदान सम्मानित किया गया। फाउंडेशन के अध्यक्ष अरविंद पथिक ने विषय प्रवेश पर चर्चा करते हुए कार्यक्रम के आयोजन पर प्रकाश डाला। आयोजित कवि सम्मेलन में डॉ० चंद्रमणि ब्रह्मदत्त, डॉ० प्रवीण दिशावर, डॉ० गणेश शंकर श्रीवास्तव, श्री ब्रह्मदेव शर्मा, सुश्री लता दीक्षित, सुश्री नूतन मिश्रा, सुश्री सीमा शर्मा मेरठी, श्री अरुण कुमार अरुण, डॉ० नित्यानंद शुक्ल, श्री अरविंद कुमार एवं श्री जयशंकर द्विवेदी ‘विश्वबन्धु’ ने अपने काव्यपाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
