तोमिओ मिज़ोकामि (जन्म- 12 मई, 1941) ओसाका विश्वविद्यालय, जापान के एक प्रोफेसर एमेरिटस हैं। 2018 में साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

शिक्षा

मिज़ोकामि ने 1983 में दिल्ली विश्वविद्यालयसे ‘लैंग्वेज कान्टैक्ट इन पंजाब- अ सोशियोलिंगग्विस्टिक स्टडी ऑफ माइग्रन्ट्स लैंग्वेज’ विषय में पीएचडी की।

व्यवसाय

जून और अगस्त 1994 के बीच, उन्होंने अपने ग्रीष्मकालीन गहन पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में बर्कले में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में पंजाबी पढ़ाई। वे ओसाका विश्वविद्यालय, जापान में भारतीय भाषाओं के प्रोफेसर के रूप में सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद वे 2007 से उसी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एमेरिटस हैं, और विदेशी अध्ययन पढ़ाते हैं। उन्हें अपनी मातृभाषा जापानी के अलावा अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, पंजाबी, उर्दू, मराठी, गुजराती, तमिल, सिन्धी, कश्मीरी, जर्मन और फ़्रान्सीसी भाषाएँ सीखी हैं। उन्होंने जापानी भाषा में सिख प्रार्थना जपजी साहिब का अनुवाद किया और वे ऐसा करने वाले पहले जापानी-पंजाबी शोधकर्ता हैं।

पुरस्कार

2018 में उन्हें साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 2 अप्रैल 2018 को में भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

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