रामायण सेंटर रोज़ बेल, मॉरीशस

रामायण सेंटर रोज़ बेल, मॉरीशस में 1.5 एकड़ जमीन पर स्थित है।

रामायण सेंटर का निर्माण तीन चरणों में हुआ।

1. शिक्षा परिसर : जिसका उद्घाटन 19 अगस्त  2007 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम द्वारा  किया गया ।

इसमें  एक पुस्तकालय है जिसमें रामायण एवं हिंदू धर्म दर्शन पर विस्तृत  एवं  दुर्लभ साहित्य उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त एक बहुउद्देश्यीय हॉल, पठन-पाठन के लिए कक्ष, कंप्यूटर रूम और बाहरी आगंतुकों के लिए अतिथि कक्ष हैं। 

2 आध्यात्मिक परिसर : इसके  भूतल पर एक  आध्यात्मिक भवन है जिसमें लगभग 1100 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। इसका उद्घाटन 2013 में मॉरीशस गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम कैलाश परयाग, जीसीएसके, जीओएसके द्वारा किया गया।

राम मंदिर : आध्यात्मिक परिसर की पहली मंजिल पर निर्मित एक भव्य राम मंदिर का उद्घाटन शुक्रवार 30 जून 2017 को सर अनिरुद्ध जगन्नाथ जीसीएसके, केसीएमजी, क्यूसी, एमपी, पीसी मंत्री मेंटर, रोड्रिग्स और रक्षा मंत्री द्वारा किया गया। जयपुर, राजस्थान से लाए गए गुलाबी  पत्थर से निर्मित 10,000 वर्ग फीट के इस मंदिर में हनुमान छतरी है जिसमें हनुमानजी ध्यान मुद्रा में हैं और 5 गुंबद हैं जिनमें राम दरबार, लक्ष्मी नारायण, राधा कृष्ण, दुर्गा माता और शिव परिवार के  विग्रह हैं।

 यह मंदिर मॉरीशस और विदेशों से भी भक्तों को आकर्षित करता है। यह आध्यात्मिकता, शिक्षा और भक्ति का एक अनूठा संगम है।

गतिविधियां

अपने स्थापनाकाल से ही यह सेंटर सभी आयु समूह के लिए अनेक गतिविधियों का आयोजन करता है, जिनमें प्रमुख हैं -सेमिनार, कार्यशालाएं, संगोष्ठियां, प्रवचन, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, वार्ताएं, भजन संध्या, रामायण पाठ  एवं सभी आयु वर्गों के लिए और विशेष रूप से छात्रों के लिए रामायण पर आधारित विविध प्रतियोगिताएं।

हिंदू धर्म संस्कृति, संगीत, नृत्य, हिंदी, संस्कृत, योग के अतिरिक्त रामायण के शुद्ध और संगीतमय गायन-वाचन  तथा आज के संदर्भ में रामचरितमानस की व्याख्या पर आधारित कक्षाएं भी चलाई जाती हैं।

 मॉरीशस के राष्ट्रीय दूरदर्शन केंद्र के रेडियो और टीवी चैनलों पर रामायण के मूल्यों पर आधारित नियमित वार्ताओं का प्रसारण पिछले अनेक वर्षों से किया जा रहा है।

रामायण सेंटर प्रकाशन पर भी बल देता है, अतः रामायण के विभिन्न पात्रों पर अनेक पुस्तकों की रचना पंडित राजेंद्र अरुण ने की जो इस प्रकार हैं-

हरि कथा अनंता, जग जननि जानकी, रोम रोम में राम, भरत गुन गाथा, तजु संशय भजु राम, अथ कैकेयी कथा, रघुकुल रीति सदा एवं मानस में नारी।

डॉ विनोद बाला अरुण ने रामायण में नैतिक मूल्य एवं लछमन गुन गाथा की रचना की और इसके अतिरिक्त संस्कार रामायण और स्तुति सुमन जैसी पुस्तकों का संपादन किया।

इसके अतिरिक्त त्रैमासिक प्रपत्र एवं समय-समय पर समारिकाओं का भी प्रकाशन होता है।

रामायण सेंटर में महा शिवरात्रि, संक्रांति, रामनवमी, नवरात्रि, तुलसी जयंती, वाल्मीकि जयंती, राम-सीता विवाह, गुरु पूर्णिमा और हनुमान जयंती आदि सभी प्रमुख हिंदू त्योहारों को भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

रामायण सेंटर के संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष पंडित राजेंद्र अरुण थे, जो 21 जून 2021 को भगवान राम के चरणों में लीन हो गए।

वर्तमान में इसकी अध्यक्ष डॉ विनोद बाला (वीनू) अरुण हैं।

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