“अंतरराष्ट्रीय त्योहार दीपावली” पर आयोजित वैश्विक कार्यक्रम

ज्ञातव्य है कि भारत एक विशाल सामासिक संस्कृति सँजोये हुए महान राष्ट्र है। एक सर्वे के अनुसार यहाँ प्रतिदिन लगभग दस त्योहार आते हैं। दीपावली मुख्य त्योहार है जिसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोग हर्षोल्लास से मनाते हैं। दीपावली के आलोक में वैश्विक हिन्दी परिवार द्वारा इसके अंतरराष्ट्रीय स्वरूप पर विमर्श हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए त्रिनिदाद और टोबेगो के सुप्रसिद्ध विद्वान पंडित रामप्रसाद परसराम जी ने शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि दीपावली से अंधकार हटता है और मन में उजियारा आता है तथा जीवन पथ आलोकित होता है। विश्व में दीप की दीप्ति से हृदय में विश्व शांति और कल्याण की भावना होनी चाहिए। अस्सी वसंत पार कर चुके सांस्कृतिक साधक पंडित रामप्रसाद ने त्रिनिदाद और टोबेगो में “दीवाली नगर की दीपावली की सैकड़ों वर्षों की सुदीर्घ परंपरा सुनाई और व्यसन से दूर रहकर ‘वसुधैवकुटुंबकम, की भावना से दीपावली मनाने का सारगर्भित संदेश दिया’। मुख्य अतिथि के रूप में अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के अध्यक्ष राजदूत वीरेंद्र गुप्त जी ने तंजानियाँ और मॉरीशस आदि में राष्ट्राध्यक्षों की उपस्थिति में संयुक्त दीपावली मनाने के प्रसंग सुनाए और भारतवंशियों के वैश्विक सांस्कृतिक पक्ष को उजागर करते हुए इसे अक्षुण्ण बनाए रखने तथा उत्तरोत्तर वृद्धि की कामना की। इस अवसर पर देश-विदेश से सैकड़ों विद्वान-विदुषी और भाषा प्रेमी तथा शोधार्थी जुड़े थे।

आरम्भ में साहित्यकार डॉ॰बरुण कुमार द्वारा संयत भाव एवं आत्मीयता से स्वागत किया गया। तत्पश्चात सिंगापुर से पत्रकार एवं साहित्यकार श्रीमती आराधना झा श्रीवास्तव द्वारा परंपरागत दीप ज्योति परिवेश और पौराणिक दृष्टांतों सहित संचालन का बखूबी दायित्व निर्वहन किया गया। उन्होने वक्ताओं का संक्षिप्त परिचय देते हुए सादर आमंत्रित किया एवं श्लोकों, उद्धरणों और स्वस्थ परम्पराओं सहित अभिप्रेरित किया। न्यूजीलैंड से वैश्विक कीर्तिमान स्थापित करने वाली ई पत्रिका भारत-दर्शन के संपादक श्री रोहित कुमार हैप्पी ने सभी को दीपावली की शुभ कामनाएँ दी और न्यूजीलैंड में 1990 से बाद की दीवाली त्योहार और रामलीला मंचन के क्रमिक विकास की कहानी सुनाई। उन्होने इस त्योहार पर बॉलीवुड की धमक पर भी प्रकाश डाला। सिंगापुर से सैन्यकर्मी एवं नवोदित साहित्यकार श्री विनोद दूबे जी ने वहाँ 11 सरकारी छुट्टियों में दीपावली की प्रमुख छुट्टी और योजनाबद्धता तथा शॉपिंग की धूम से अवगत कराया। श्री दूबे ने सिंगापुर हवाई अड्डे के बाहर पर्यटकों के लिए विशाल दीप स्तम्भ, लाखों भारतीयों की बेमिशाल उत्सवधर्मिता,अयोध्या एवं तमिल संस्कृति की परंपरागत दीवाली और जोश किन्तु संयत भाव से सिंगापुरी दीवाली की तथ्यपरक जानकारी देते हुए अपनी कवितामय प्रस्तुति दी। थाईलैंड से प्रो॰शिखा रस्तोगी ने थाई-भारत के अटूट परंपरागत सम्बन्धों और संस्थाओं की चर्चा की। उन्होने वहाँ नदी को माता की संज्ञा देने, “दीवाली पूजा पार्टी, होने तथा सजावट के साथ रामलीला एवं नृत्य आदि कार्यक्रमों की जानकारी दी।

कनाडा की दीवाली विशेष के संबंध में वहाँ की रामलीला में सपरिवार विभिन्न पात्र निभाने वाले संयोजक श्री पीयूष श्रीवास्तव ने अपने राममय अनुभव के अप्रत्याशित अद्भुत प्रसंग सुनाये। उन्होने कहा कि अब रामलीला में लगभग सत्तर-अस्सी हजार की अपार भीड़ होती है। रामजी की कृपा से चुनौतियाँ स्वतः दूर होती गईं और सब कुछ सुलभ होता गया। हनुमान जी की भूमिका निभाते समय उन्हें स्वयमेव अतुलित बल-रूपी अंतर्निहित शक्ति का एहसास हुआ और जापर कृपा राम की होई,तापर कृपा करे सब कोई,चरितार्थ हुआ। ब्रिटेन की दीपावली के संबंध में “वातायन की प्रमुख एवं इस कार्यक्रम की मुख्य संयोजक तथा सुप्रसिद्ध प्रवासी साहित्यकार सुश्री दिव्या माथुर ने मनोहारी पीपीटी के माध्यम से वेंबली स्टेडियम के तिरंगे से सजे दृश्य, मंदिरों में सजावट, जगमगाता ट्राफ़गलर स्क्वायर, सेंट्रल लंदन, लंदन ब्रिज, और विभिन्न बाज़ारों आदि में दीवाली की चकाचौंध के नजारे दिखाये। उन्होने ब्रिटेन के अन्य प्रमुख शहरों में भी इस प्रकाश पर्व की सारगर्भित जानकारी दी।

इस अवसर पर जापान से पद्मश्री से सम्मानित प्रो॰तोमियो मिजोकामि, रूस से प्रो॰उदमिलाखो खोलोवा, कनाडा से शैलेजा सक्सेना, आशा बर्मन, विजय विक्रांत, यू॰के॰ से जय वर्मा, चीन से विवेक मणि, त्रिनिदाद से शर्मिला रामरतन, सुनीता पाहुजा, लक्ष्मी महाराज, अपर्णा संत सिंह तथा भारत से नारायण कुमार, वी॰आर॰जगन्नाथन, आलोक गुप्ता, लक्ष्मण डेहरिया, गुरुमूर्ति नागराज, के॰एन॰पाण्डेय, वेंकटेश्वर राव, राजेश गौतम, पीयूष गोयल एवं गोवर्धन यादव आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही।


समूचा कार्यक्रम विश्व हिन्दी सचिवालय, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद, केंद्रीय हिन्दी संस्थान, वातायन और भारतीय भाषा मंच के सहयोग से वैश्विक हिन्दी परिवार के अध्यक्ष श्री अनिल जोशी के संयोजन और मार्गदर्शन में आयोजित हुआ। इस अवसर पर श्री जोशी जी ने मनसा,वाचा,कर्मणा सहयोग के लिए सभी की सराहना की। कार्यक्रम प्रमुख की सजग भूमिका का बखूबी निर्वहन ब्रिटेन की सुप्रसिद्ध प्रवासी साहित्यकार सुश्री दिव्या माथुर द्वारा अहर्निशम सेवामहे,से किया गया जिससे दीपावली के पूर्व संचेतना जागृत हुई। प्रभु की कृपा भयउ सब काजू की मनसा एवं स्वयं प्रकाश बनने की कामना सहित भारत से डॉ. जयशंकर यादव के कृतज्ञता ज्ञापन के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ। सभी के द्वारा “श्री अयोध्या पुरी की मूलभूत कीर्तित दीपावली को नमन किया गया। यह विशेष कार्यक्रम “वैश्विक हिन्दी परिवार, शीर्षक के अंतर्गत “यू ट्यूब ,पर उपलब्ध है।

रिपोर्ट लेखन– डॉ॰जयशंकर यादव