चलो बोल दो सॉरी तो

ढीली थी सो खिसक गई थोड़ी इधर-उधर।
हँसने की क्या बात है जी क्यों इतनी खिर-खिर।
क्या पेंट ने कोई जोक अजी सुनाया है।
देख किसी को परेशान लगता भाया है।
चलो बोल दो सॉरी तो मैं भी हँस दूँगा।
सच खिसकती पेंट को भी थोड़ा कस दूँगा।

*****

बहुत बुरा लगता है

बहुत बुरा लगता है
जब मुझे टोक दिया जाता है
समझकर नासमझ ।

बहुत बुरा लगता है
जब टोक दिया जाता है
शुरू करते ही मर्जी का काम
और सौंप दिया जाता है
कोई बोझिल उपदेश
या उबाऊ-सा हुक्म ।

बहुत बुरा लगता है
जब मुझे बुला लिया जाता है
दोस्तों के बीच से।
बहुत बुरा लगता है
जब मुझे छोड़ना पड़ता है खेल
अनचाहे मेहमान के वास्ते।

बहुत बुरा लगता है
लेकिन सब करना भी
पड़ता है झुंझलाकर
क्यों?

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-दिविक रमेश

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