

अनीता वर्मा
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नन्ही बूँदे
नन्हीं बूँदें टप-टप बरसें
धरती का मन देखो हरषे
पेड़ों ने तो गीत सुनाया
नन्हा पौधा भी मुस्काया
हरी घास भी लहराती है
जानें क्या क्या गाती है
कोयल ने भी शोर मचाया
पीहू -पीहू का गीत सुनाया
मॉं मुझको भी बाहर जाना
बारिश में है नाव चलाना
छाता लेकर ही जाऊँगा
जल्दी घर को लौट आऊँगा
