
निशा भार्गव की हास्य व्यंग्य पुस्तक ‘लुढ़कने लोटे’ का लोकार्पण
अन्तर्राष्ट्रीय भारतीय सर्वभाषा सांस्कृतिक समन्वय समिति के तत्वावधान में सुविख्यात कवयित्री निशा भार्गव की सद्य प्रकाशित पुस्तक ‘लुढ़कने लोटे‘ का लोकार्पण आनलाइन किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्षता सुप्रसिद्ध गीतकार डॉ बालस्वरूप राही जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि निशा भार्गव की कविताएँ घर परिवार व समाज से जुड़कर अपनी बात बहुत सहजता से कहती हैं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पंडित सुरेश नीरव जी ने अपनी हास्य व्यंग्य शैली में कहा कि निशा भार्गव की सोलह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और सोलह साल की यह आयु अब सत्रहवें पर पहुँच गई है। अपनी इसी शैली में उन्होंने कहा कि लुढ़कने लोटे तो होते हैं लुटिया नहीं लुढ़कती।

कवयित्री व समीक्षक अनीता वर्मा ने कहा कि निशा भार्गव की यह पुस्तक संवाद करती है और इसका फलक इतना विस्तृत है कि इस में जीवन के लगभग हर पक्ष से संबंधित कविताएं हैं।

लेखक व समीक्षक ज्ञानचन्द मर्मज्ञ ने कविताओं की शैली, उनके शब्द चातुर्य पर अपनी बात प्रभावी ढंग से प्रस्तुत की।
कार्यक्रम का सशक्त व प्रभावी संचालन जर्मनी की लेखिका व संचालिका डॉ शिप्रा शिल्पी ने किया।



