तुलसी सम्मान व रत्नावली सम्मान : तुलसी साहित्य अकादमी द्वारा अखिल भारतीय साहित्यकार सम्मेलन एवं सम्मान समारोह

भोपाल में आयोजित इस साहित्यिक समारोह की अध्यक्षता डा.राजेश श्रीवास्तव निदेशक रामायण केंद्र भोपाल ने की, मुख्य अतिथि डा.जीवन रजक, विशेष कर्तव्य अधिकारी (मंत्री जी धर्मस्य, साहित्य एवं संस्कृति विभाग म.प्र.शासन) तथा विशेष अतिथि वरिष्ठ शिक्षाविद्, परम विदुषी डा. प्रभा मिश्रा जी रहीं।

अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.मोहन तिवारी आनंद ने स्वागत उद्बोधन में कहा- तुलसी साहित्य अकादमी सम्पूर्ण भारत में राष्ट् भाषा हिन्दी के संवर्धन एवं विकास का अभियान चला रही है। तुलसी साहित्य अकादमी ने 27 राज्यों में अपनी प्रदेश, जिला एवं तहसील स्तर पर इकाइयों का गठन किया है।

इस अवसर पर अकादमी की स्मारिका,श्री प्रमोद पुष्कर की पुस्तक-सृष्टि और मनुष्य, डा.रेनू श्रीवास्तव शहडोल की पुस्तक खुले द्वार अब कहां, का लोकार्पण किया गया।

साहित्यिक विमर्श के उपरांत 13 चयनित उत्कृष्ट साहित्यकारों को तुलसी सम्मान एवं 10 विदुषी महिला लेखिकाओं को रत्नावली सम्मानों से अलंकृत किया गया।

 आगरा के वरिष्ठ साहित्यकार, शिक्षाविद् प्रोफेसर डॉ. अजीत कुमार जैन को तुलसी शिखर सम्मान  तथा  डा.माया दुबे भोपाल को रत्नावली शिखर सम्मान, डा.मीनाक्षी जोशी भण्डारा महाराष्ट्र को स्व.श्रीमती धापूबाई चौहान स्मृति रत्नावली सम्मान, अनीता वर्मा कवयित्री व लेखिका (दिल्ली )को उनकी साहित्यिक उपलब्धियों व हिन्दी सेवा के लिए स्व.रीता भार्गव स्मृति रत्नावली सम्मान दिया।

मुख्य अतिथि डा.जीवन रजक ने अकादमी के कार्यों की सविस्तार सराहना करते हुए कहा कि एक अशासकीय साहित्यिक संस्था अपने निजी संसाधनों से इतना उत्कृष्ट कार्य कर रही है इनके कार्यों की जितनी भी सराहना की जाय कम है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डा.राजेश श्रीवास्तव ने तुलसी साहित्य अकादमी द्वारा मातृभाषा हिन्दी के विकास एवं संवर्धन के लिए किए जाने वाले प्रयासों की सराहना की तथा कहा कि इनके प्रयासों से अन्य संस्थाओं को सीख लेनी चाहिए।

कार्यक्रम का सफल संचालन डा.अशोक तिवारी अमन तथा डा.राजेश तिवारी ने किया तथा आभार प्रदर्शन डा. शिवकुमार दीवान ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate This Website »