भारतीय दूतावास नीदरलैंड के नये राजदूत कुमार तुहिन की प्रवासी भारतीयों के साथ पहली बैठक

इस माह नीदरलैंड में भारत के राजदूत के रूप मे 1991 बैच के विदेश सेवा अधिकारी कुमार तुहिन ने नीदरलैंड में अपना पदभार ग्रहण किया। 6 नवंबर को नीदरलैंड के राजा विलियम एलेक्ज़ेंडर ने उन्हें अपने राजमहल बुला कर उनका राजसी स्वागत किया।

नीदरलैंड में भारतीय दूतावास के राजदूत पद पर अपना पदभार ग्रहण करने के बाद 16 नवंबर को नीदरलैंड के देनहॉग में उन्होंने- जो प्रवासी भारतीय संस्थाएँ नीदरलैंड में किसी न किसी रूप में भारतीय संस्कृति व भाषा के प्रचार प्रसार में संलग्न है- उनसे मुलाक़ात व उनकी संस्थाओं के कार्यों की जानकारी के लिए ‘Intreraction With Indian Community’ कार्यक्रम रखा। इस कार्यक्रम में भारतीय दूतावास कुमार तुहिन जी के अतिरिक्त दूतावास के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

इस कार्यक्रम ‘अंतरराष्ट्रीय हिन्दी संगठन नीदरलैंड’ साहित्यिक संस्था व  Maitry मैत्री ‘Vriendschap voor iedereen’ सामाजिक संस्था की संस्थापक डॉ ऋतु शर्मा नंनन पांडे व डॉ दिनेश ननंन पाँडे जो प्रवासी भारतीय (गिरमिटिया) परिवार की चौथी पीढ़ी है- ने दो दशकों से नीदरलैंड व सूरीनाम में हिन्दी के प्रचार प्रसार व हिन्दी भाषा के शिक्षण कार्यों व उनके द्वारा डच साहित्य को हिन्दी भाषा में अनुदित कर तीन संस्कृतियों को आपस में जोड़ने के कार्य में विस्तार से जानकारी दी।

उनकी इस तरह की पहल के सभी प्रवासी भारतीयों ने उनका ह्रदय से आभार व्यक्त किया। आदरणीय राजदूत महोदय के नये कार्यकाल के लिए हम उन्हें बहुत बहुत शुभकामनाएँ प्रदान करता है।

इस माह नीदरलैंड में भारत के राजदूत के रूप मे 1991 बैच के विदेश सेवा अधिकारी कुमार तुहिन ने नीदरलैंड में अपना पदभार ग्रहण किया। 6 नवंबर को नीदरलैंड के राजा विलियम एलेक्ज़ेंडर ने उन्हें अपने राजमहल बुला कर उनका राजसी स्वागत किया। इसके पूर्व वह 20 दिसंबर 2021 तक भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद में महानिदेशक रह चुके हैं। 2018-2021 तक वह यूरोप के ही हंगरी देश में राजदूत पद पर कार्यरत रहे। जून 1915-1918 अक्टूबर तक नामीबिया में उच्चायुक्त के रूप में उन्होंने कार्य किया था 1993 में हांगकांग में भारतीय मिशन में अपना कार्यकाल शुरू किया, जहाँ वह 1995 तक कार्यरत रहे। (1995-1999) तक राजनीतिक अधिकारी के रूप में बीजिंग में भारतीय दूतावास मे कार्य करने के उपरांत वह आई सी सी आर के अनुसार वह जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन (1999-2002) हनोई में भारतीय दूतावास में (2005-2009) और सैंन फ़्रांसिस्को मे भारत के उपमहा वाणिज्य दूत के रूप मे कार्यरत रहे।

उन्होंने 2002-2005 के दौरान चीन और पूर्वी एशिया के मामलों को देखने वाले उप सचिव/ निदेशक सहित विभिन्न पदों पर नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय में भी कार्य किया है।2012-2015 के दौरान उन्होंने मंत्रालय में विकास भागीदारी प्रशासन प्रभाग का नेतृत्व किया,जो सरकार के संपूर्ण क्षमता निर्माण कार्यक्रमों से संबंधित था।जिसके अंतर्गत भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के साथ-साथ दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व एशिया, लैटिन अमेरिका में अनुदान सहायता परियोजनाओं का कार्यान्वयन और विदेशों में आईटी और व्यवसायिक प्रशिक्षण केन्द्रों में उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित करना शामिल था ।

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