कविवर ब्रज किशोर ‘घायल’ स्मृति समारोह के उपलक्ष्य में “पंचरत्न कवि-सम्मेलन”

दिनांक 10.11.2024 को नई दिल्ली के आईटीओ स्थित हिन्दी भवन में साहित्य प्रेमी मण्डल एवं हिन्दी अकादमी, दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में कविवर ब्रज किशोर ‘घायल’ स्मृति समारोह के उपलक्ष्य में “पंचरत्न कवि-सम्मेलन” तथा श्री गुलशन जग्गा की नवीनतम कृति “जग्गा सर की कहानियां” के लोकार्पण समारोह का भव्य आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता के कार्यभार का वहन ‘कादम्बिनी’ पत्रिका के पूर्व संपादक, कवि एवं साहित्यकार श्री विजय किशोर ‘मानव’ ने किया। मुख्य अतिथि का दायित्व उद्योगपति, वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि श्री बी एल गौड़ के सशक्त हाथों में रहा। विशिष्ट अतिथियों के तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक, जाने-माने समाजसेवी एवं राष्ट्रीय कवि संगम के कर्णधार श्री जगदीश मित्तल, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित हंसराज महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ रमा एवं अल्का ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट्स की सर्वेसर्वा श्रीमती अंजू मेहरोत्रा मंच पर विराजमान रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन स्वयं डॉ प्रवीण शुक्ल के सशक्त हाथों में रहा।

क्रमबद्ध रूप से आमंत्रित कवियों ओज और भक्ति रस के प्रसिद्ध युवा कवि श्री प्रियांशु गजेन्द्र, हास्य-कवि श्री विनोद पांडेय, ओज कवि श्री वेद ठाकुर, श्री निकुंज शर्मा एवं श्रृंगार कवयित्री श्रीमती पूजा यक्ष ने जहां एक ओर अपनी श्रेष्ठतम रचनाओं के काव्यपाठ से सभागार में उपस्थित गणमान्य विद्वतजनों तथा जनसमुदाय को मंत्रमुग्ध करते हुए भाव-विभोर कर दिया। वहीं दूसरी ओर, अपनी स्वरबद्ध ओजस्वी, श्रृंगार, भक्ति और राष्ट्र प्रेम के रस से सराबोर तथा ओत-प्रोत गीतों एवं कविताओं के माध्यम से उन्होंने सभागार में उपस्थित श्रोताओं से अपनी प्रत्येक रचना पर वाह-वाही बटोरने के साथ-साथ तालियों की गड़गड़ाती करतल-ध्वनि से सभागार के समस्त वातावरण को गुंजायमान करने पर विवश कर दिया।
अपने अध्यक्षीय उदबोधन से श्री विजय किशोर ‘मानव’ ने लाभान्वित करने के साथ-साथ कुछ यूं कहते हुए अपनी वाणी को अपनी बहुचर्चित सिग्नेचर रचना के काव्यपाठ से विराम दिया। उस रचना के कुछ मतले इस प्रकार हैं –
“उठ जाग मुसाफिर भोर भई अब।
आना देखा, जाना देखा।
एक मुसाफिर खाना देखा।”

श्रोता-दीर्घा में विराजमान गणमान्य विभूतियों एवं विद्वतजनों में हिन्दी अकादमी के सचिव श्री संजय कुमार गर्ग, गीत, दोहे, गज़ल की साम्राज्ञी, साहित्यकार, महीषी महादेवी वर्मा की शिष्या और वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती प्रमिला भारती, डॉ वीणा मित्तल, श्री प्रेम बिहारी मिश्र, श्रीमती पूनम माटिया, श्री कमलदीप जिंदल, श्री विजय मित्तल, श्री पीयूष, श्री मुकेश, श्री गिरीश भालकर, श्रीमती वसुंधरा शर्मा, श्री बसंत गोयल, शिक्षाविद् श्री हरिकिशन गोयल, श्री मनोज अनाम, श्री विनयशील चतुर्वेदी, श्री प्रवेश, श्री जितेंद्र चौधरी, श्री इब्राहिम अल्वी, श्रीमती प्रियंका, श्रीमती प्रीति त्रिपाठी, श्री मनवीर मधुर, श्री वेद प्रकाश ‘वेद’, श्री प्रमोद अग्रवाल, श्री अरूण कुमार ‘अरूण’, श्री नागर, श्री जितेंद्र महाजन, श्री मनोज गुप्ता, श्री राजेन्द्र कलकल, श्री आलोक शर्मा, श्री पंकज गोस्वामी, श्री प्रेम सागर ‘प्रेम’ तथा आकाशवाणी दूरदर्शन कलाकार, सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी, अधिवक्ता एवं गद्य-लेखक श्री कुमार सुबोध इत्यादि प्रमुख रहे।
साहित्य प्रेमी मण्डल के पदाधिकारी श्री निर्दोष शर्मा द्वारा मंचासीन गणमान्य विभूतियों एवं सभागार में उपस्थित सभी आगंतुकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए धन्यवाद और आभार ज्ञापित करने के साथ भव्य कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

रिपोर्ट – कुमार सुबोध

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