‘डायस्पोरा रिसर्च एंड रिसोर्स सेंटर’ ने ब्रिटेन के भारतीय प्रवासी श्री नितिन मेहता से संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया

अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद व वैश्विक हिन्दी परिवार के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में ‘डायस्पोरा रिसर्च एंड रिसोर्स सेंटर’ के अन्तर्गत संवाद कार्यक्रम का आयोजन प्रवासी भवन में किया गया। इस कार्यक्रम में कवि लेखक एवं संपादक अरविन्द पथिक व संपादक रत्नमणि द्वारा संपादित पत्रिका ‘साहित्य सप्तक’ का लोकार्पण किया गया। ब्रिटेन से आए विद्वान व संस्कृतिकर्मी आदरणीय श्री नितिन मेहता जी का इस कार्यक्रम में अभिनंदन किया गया व उनसे एक विस्तृत चर्चा ‘प्रवास’ में उनके कार्यों पर की गई। अपने वक्तव्य में उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति को आत्मसात् करने के मूल में क्या रहा और ऐसा क्या था जिसने आपको भारत से ना केवल जोड़े रखा बल्कि आपने अपने अभियानों के माध्यम से विश्व में ये परचम लहराया। ये यात्रा आरंभ कैसे हुई?

पशु अधिकारों के लिए संघर्ष करना और मानवता के मूल्यों को स्थापित करना कितना महत्वपूर्ण था और कितना कठिन था। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्याम परांडे -महासचिव अन्तरराष्ट्रीय सहयोग परिषद जी ने की। अपने संबोधन में उन्होंने विदेशों में भारतीय, भारतीयता, ‘अन्तरराष्ट्रीय सहयोग परिषद’ व ‘डायस्पोरा रिसर्च एंड रिसोर्स सेंटर’ के कार्यों व भूमिका पर प्रकाश डाला।

विशिष्ट अतिथि आदरणीय नारायण जी -मानद निदेशक अन्तराष्ट्रीय सहयोग परिषद ने अपने संबोधन में अपने विदेश के अनुभव व शाकाहार को लेकर चर्चा की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उपसचिव हिन्दी अकादमी ऋषि कुमार शर्मा जी ने विदेश में भारतीय संस्कृति व हिन्दी भाषा के विकास के बारे में चर्चा की। कवि लेखक व वैश्विक हिन्दी परिवार के अध्यक्ष आदरणीय अनिल जोशी ने अपने वक्तव्य में कहा कि नितिन मेहता जी का कार्य बहुत आसान नहीं रहा होगा। उन्होंने कवि अरविंद पथिक व संपादक रत्नमणि को उनकी मासिक पत्रिका ‘साहित्य सप्तक’ के लिए बधाई दी। कवि व ‘साहित्य सप्तक’ पत्रिका के संपादक श्री अरविंद पथिक ने पत्रिका की संपादन प्रक्रिया व रचनाकारों के बारे में चर्चा की। कार्यक्रम में विशेष टिप्पणी सिंधी समाज से जुड़े व लेखक रवि टेकचंदानी , लेखक व राजभाषा अधिकारी डॉ वरूण, लेखक व संपादक राकेश पांडे ने की।

धन्यवाद ज्ञापन लेखिका व अनुवादक जसविंदर कौर ने किया। कार्यक्रम का सशक्त संचालन लेखिका व समीक्षक अनीता वर्मा ने किया।

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