
‘गिरमिटिया प्रवासी हिंदी साहित्यः दशा और दिशा’ विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित
केंद्रीय हिंदी संस्थान, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आगरा में दिनांक 20- 21 फरवरी को ‘गिरमिटिया प्रवासी हिंदी साहित्यः दशा और दिशा’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसके द्वितीय सत्र की अध्यक्षता डॉ जवाहर कर्नावट ने की। संगोष्ठी का शुभारंभ विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस की महासचिव डॉक्टर माधुरी रामधारी के बीज वक्तव्य से हुआ। इस अवसर पर उपस्थित अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा की कुलगुरु प्रोफेसर आशा रानी, साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के सदस्य डॉ. नरेंद्र पाठक, संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सुनील बाबुराव कुलकर्णी, संयोजक द्वय डॉ. जोगिंदर सिंह मीणा तथा डॉ.पुरुषोत्तम पाटिल ने रबींद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड के पोस्टर का भी लोकार्पण किया।
