पतझड़ और तुम्हारा स्वरूप
पतझड़ जीवन की साँझ वेला मेंदेह के वृक्ष सेभूरे – पीले पत्तों साकुछ – कुछ झरने लगा ! आँखों की रोशनीकम – सी हुईतो श्रवण शक्ति क्षीण अंग – प्रत्यंग…
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पतझड़ जीवन की साँझ वेला मेंदेह के वृक्ष सेभूरे – पीले पत्तों साकुछ – कुछ झरने लगा ! आँखों की रोशनीकम – सी हुईतो श्रवण शक्ति क्षीण अंग – प्रत्यंग…