लौट चलो घर – (कविता)
लौट चलो घर साँझ हो चली, लौट चलो घर। अब न शेष है आतप रवि में,सुषमा रही न दिन की छवि में,मिला ज्योति को देश-निकाला,घनी तमिस्रा छाती भू पर॥ हर…
हिंदी का वैश्विक मंच
लौट चलो घर साँझ हो चली, लौट चलो घर। अब न शेष है आतप रवि में,सुषमा रही न दिन की छवि में,मिला ज्योति को देश-निकाला,घनी तमिस्रा छाती भू पर॥ हर…
सरस्वती वन्दना मुझको नवल उत्थान दो।माँ सरस्वती! वरदान दो॥ माँ शारदे! हंसासिनी!वागीश! वीणावादिनी!मुझको अगम स्वर-ज्ञान दो॥माँ सरस्वती! वरदान दो॥ निष्काम हो मन कामना,मेरी सफल हो साधना,नव गति, नई लय तान…
नया उजाला देगी हिन्दी तम-जाला हर लेगी हिन्दी,नया उजाला देगी हिन्दी।विश्व-ग्राम में सबल सूत्र बन,सौख्य निराला देगी हिन्दी।द्वीप-द्वीप हर महाद्वीप में,हम हिन्दी के दीप जलाएँ। जीवन को सक्षम कर देगी,वर्तमान…
धरती कहे पुकार के दूर-दूर तक फैली धरती,देखो कहे पुकार के।ओ वसुधा के रहने वालों!रहो सर्वदा प्यार से॥ नाम अलग हैं देश-देश के,पर वसुन्धरा एक है,फल-फूलों के रूप अलगपर भूमि…
स्व. प्रो. हरिशंकर आदेश जन्म-स्थान: भारत शिक्षा: एम.ए.(हिन्दी, संस्कृत, संगीत), बी.टी. साहित्याचार्य, साहित्यालंकार, साहित्य रत्न, विद्या वाचस्पति, संगीतविशारद, संगीताचार्य आदि । उपलब्धियाँ: त्रिनिदाद और टोबैगो सरकार का हमिंग बर्ड स्वर्ण…