सरस्वती वन्दना

मुझको नवल उत्थान दो।
माँ सरस्वती! वरदान दो॥

माँ शारदे! हंसासिनी!
वागीश! वीणावादिनी!
मुझको अगम स्वर-ज्ञान दो॥
माँ सरस्वती! वरदान दो॥

निष्काम हो मन कामना,
मेरी सफल हो साधना,
नव गति, नई लय तान दो।
माँ सरस्वती! वरदान दो॥

हो सत्य जीवन-सारथी,
तेरी करूँ नित आरती,
समृद्धि, सुख, सम्मान दो।
माँ सरस्वती! वरदान दो॥

मन, बुद्धि, हृदय पवित्र हो,
मेरा महान चरित्र हो,
विद्या, विनय, बल दान दो।
माँ सरस्वती! वरदान दो॥

सौ वर्ष तक जीते रहें,
सुख-अमिय हम पीते रहें,
निज चरण में सुस्थान दो।
माँ सरस्वती! वरदान दो॥

यह विश्व ही परिवार हो,
सबके लिए सम प्यार हो,
‘आदेश’ लक्ष्य महान दो।
माँ सरस्वती! वरदान दो॥

(देवलोक काव्य संग्रह से)

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– हरिशंकर आदेश

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